मलेशिया में राजनैतिक ड्रामा । प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद का इस्तीफ़ा
मलेयिशा के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया है. 94 साल के महातिर मोहम्मद दुनिया के सबसे बूढ़े प्रधानमंत्री के तौर पर जाने जाते थे. महातिर ने अपने राजनीतिक दल बेरस्तु से भी इस्तीफ़ा दे दिया है. वे बेरस्तु के चेयरमैन भी थे.

महातिर 1981 से 2003 तक लगातार मलेशिया के प्रधानमंत्री रहे. 2018 में इन्होंने नजीब रज्ज़ाक को हराकर सत्ता में वापसी की थी.
महातिर की अपने सहयोगी अनवर इब्राहिम के साथ काफ़ी समय से खींचतान चल रही थी. इब्राहिम उनके एक सहयोगी के रूप में महातिर के साथ थे. महातिर ने समय आने पर इब्राहिम को सत्ता सौंपने का वादा किया था. लेकिन अब अफ़वाह यह चल रही है कि महातिर मोहम्मद नया गठबंधन बनाकर सत्ता में वापसी कर सकते हैं. हालाँकि मलेशिया कि संसद में किसी भी दल के पास बहुमत नहीं है.
महातिर मलेशिया की रजनीति के गुरू माने जाते हैं. अनवर इब्राहिम के साथ उनके रिश्ते काफ़ी पुराने हैं. 1998 में जब महातिर प्रधानमंत्री थे तब इब्राहिम उनके उत्तराधिकारी समझे जाते थे. लेकिन इसी दौरान महातिर ने इब्राहिम को नेतृत्व विवाद के चलते बाहर का रास्ता दिखा दिया. बाद में इब्राहिम को भ्रष्टाचार के आरोपों के तहत जेल में भी डाल दिया गया हालाँकि इसे इब्राहिम के ख़िलाफ़ महातिर की एक राजनीतिक साज़िश के रूप में भी देखा जाता है.
लेकिन महातिर ने एक बड़ा राजनैतिक दांव खेलते हुए अनवर इब्राहिम के साथ गठबंधन कर लिया. इसके पीछे दोनो नेताओं ने यह तर्क दिया कि नजीब रज़्ज़ाक़ की सरकार को सत्ता से हटाना उनकी पहली प्राथमिकता है. नजीब की तत्कालीन सरकार पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे हुए थे. इस गठबंधन ने मिल कर चुनाव लड़ा और सरकार बनायी. सरकार बनाने से पहले दोनो नेताओं यह कहा था कि महातिर प्रधानमंत्री बन रहे हैं पर और समय आने पर वे प्रधानमंत्री का पद अनवर इब्राहिम को दे देंगे. लेकिन समय आने से पहले ही महातिर ने इस्तीफ़ा देकर राजनैतिक चाल खेल दी है.