कोरोना वायरस : वैश्विक अर्थव्यवस्था को ख़तरा बढ़ा

कोरोना वायरस का असर वैश्विक व्यापार पर भी सीधे सीधे पड़ रहा है. विभिन्न मीडिया रिपोर्टों के अनुसार वायरस की वजह से कई सेवाएँ प्रभावित हो रही हैं.

न्यू यॉर्क टाइम्स की खबर के मुताबिक़ अगर यह वायरस अमेरिका में फैलता है तो अमेरिका को भारी आर्थिक नुक़सान उठाना पड़ सकता है. अमेरिका की बेरोज़गारी अभी अपने पचास साल के सबसे निचले स्तर पर है. एसा अनुमान है कि अमेरिकी वित्त नियामक “फ़ेडरल रिसर्व” ब्याज दरों में कमी कर सकता है.

कोरोना वायरस की वजह से लोगों को घर पर ही रहना होगा जिस वजह से निर्माण और सेवा क्षेत्रों में नौकरियाँ जा सकती हैं. इंस्योरेंस क्षेत्र पर भी इसका बुरा असर पड़ सकता है क्यूँकि बीमारी की स्थिति में बीमा क़्लेम करने वालों की संख्या में एकाएक वृद्धि होगी.

वायरस अगर अमेरिका में व्यापक असर नहीं भी दिखाता है तब भी अमेरिकी अर्थव्यवस्था को एक झटका लगना तय है और इसका असर विश्व के अन्य बाज़ारों पर भी पड़ सकता है. चीन में फ़िलहाल निर्माण और सेवा क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हए हैं.

चूँकि वैश्विक अर्थव्यवस्था एक चेन की तरह है इसलिए चीन और अमेरिका का असर अन्य देशों में पड़ना स्वाभाविक है. इटली और कोरिया भी कोरोना की वजह से प्रभावित हुए हैं. इन देशों की अर्थव्यवस्था का असर भी अन्य देशों पर पड़ेगा.

इसके नतीजे दिखने लगे हैं .28 फ़रवरी को को भारतीय शेयर मार्केट औंधे मुंह गिरा. बाज़ार खुलते ही निवेशकों को 4 लाख करोड़ रुपए का घाटा हुआ है. भारतीय शेयर मार्केट का पिछले चार बरसों में यह सबसे बुरा सप्ताह रहा. सेंसेक्स और निफ्टी, दोनों में इस सप्ताह 6% तक की गिरावट आ चुकी है.

कोरोना वायरस के डर की वजह से साउथ कोरिया से लेकर जापान तक के स्टॉक एक्सचेंजेस में गिरावट दर्ज की गई है.