मोहिउद्दीन यासीन बने मलेशिया के नए प्रधानमंत्री, महातिर मोहम्मद को झटका
मलेशिया में पिछले कुछ समय से छाये सियासी ड्रामे का अंत हो गया है. मलेशिया के सुल्तान ने घोषणा की है कि मोहिउद्दीन यासीन मलेशिया के अगले प्रधानमंत्री होंगे. खबरों के अनुसार सुल्तान ने इस आधार पर फ़ैसला ले लिया है कि मोहिउद्दीन यासीन के पास संभवतः संसद में बहुमत है. मलेशिया में रजनैतिक संकट तब आ गया था जब प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया था. हालाँकि महातिर नया गठबंधन बनाने जैसे प्रयास कर लगातार प्रधानमंत्री पद पर वापसी की कवायद में जुटे रहे लेकिन उन्हें इसमें कामयाबी नहीं मिली.

यासीन के पास राजनीति का लम्बा अनुभव है. वे सात बार कैबिनेट मंत्री के पद पर रह चुके हैं. उन्होंने मलय विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र और मलय स्टडीज़ में बैचलर्स की डिग्री ली है. वे जोहोर प्रांत से आते हैं और उन्होंने सिर्फ़ 15 सालों में जोहोर की विधानसभा के सदस्य से मुख्यमंत्री तक का सफ़र तय किया. यही नहीं उत्तरी जोहोर के पगोह से वो आठ बार सांसद रह चुके हैं.
महातिर मोहम्मद की सरकार में यासीन गृह मंत्री रह चुके हैं जबकि महातिर की पूर्ववर्ती नजीब रज़ाक की सरकार के दौरान वो देश के उप-प्रधानमंत्री और शिक्षा मंत्री रह चुके हैं.
मोहिउद्दीन यासीन के गठबंधन में देश के मुस्लिम बहुल लोगों का वर्चस्व है और इसमें घोटालों के आरोपों से घिरी पूर्व नेता नजीब रजाक की पार्टी यूनाइटेड मलय नेशनल ऑर्गनाइजेशन (यूएमएनओ) भी शामिल हैं. प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने इस कदम को गैरकानूनी बताते हुए इसकी आलोचना की है. नजीब रज़ाक़ को भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते पिछलें चुनाव में सत्ता गवानी पड़ी थी.
तीन करोड़ की आबादी वाला मलेशिया मुस्लिम बहुल देश है. मलेशिया में बड़ी तादाद में चीनी और भारतीय नस्ल के लोग भी हैं.