आख़िर कहाँ से आया कोरोना दुनिया में ?
कोरोना वायरस की वजह से दुनिया भर में दहशत का माहौल है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना को महामारी घोषित कर दिया है. सारी दुनिया को हिला देने वाला वायरस चीन के वुहान प्रांत में सबसे पहले चिह्नित किया गया. लेकिन क्या इसकी उत्पत्ति वुहान में ही हुई या फिर ये कहीं और से वुहान में आया इसको लेकर जाँच और शोध जारी है.
हालाँकि विशेषज्ञों का मत है कि सम्भवतया यह वायरस जंगली जानवरों, विशेषकर चमगादड़ों से इंसानो में आया हो. चमकादड के शरीर में कई वायरस पाए जाते हैं. इनमे ख़तरनाक कोरोना वायरस भी एक है. तो यह वायरस चमकादड को नुक़सान क्यों नहीं करता ? इसका जवाब है उसकी प्रतिरोधक क्षमता. चूँकि चमकादड के शरीर में एक विशेष प्रकार का एंटीबाडी पाया जाता है जिसकी वजह से उसे इस वायरस से कोई नुक़सान नहीं होता. लेकिन अगर यह वायरस किसी और प्राणी तक पहुँच जाए तो नुक़सान होना तय है.

अब प्रश्न यह है कि यह चमगादड़ों से इंसानी दुनिया में आया कैसे.
चीन में एक प्रांत है वुहान जहां एक शहर है हुआनान. हुआनान में मांस की एक बहुत बड़ी मंडी है जिसे सी फ़ूड बाज़ार के नाम से जाना जाता है. इस जगह पर चिकन, बीफ़, मछली और सुवर के अलावा कई जंगली जानवरों का मांस भी मिलता है. यहाँ पर अवैध रूप से कई ऐसे जानवरों का मांस मिलता है जिन्हें संयुक्त राष्ट्र ने लुप्त होने वाले जीवों की सूची में रखा है. चीन में वैसे भी लोग कई तरह का मांस खाते हैं. एक अनुमान के मुताबिक़ इस सी-फूड बाजार में लोमड़ी, मगरमच्छ, पैंगोलिन, भेड़िया, सांप, चूहे, मोर, साही और ऊंट सहित 112 जीवों का मांस बिकता है.
विशेषज्ञों का यह मानना है कि कोरोना वायरस को फैलाने में पैंगोलिन संभावित माध्यम है. यह वायरस चमगादड़ से पैंगोलिन में आया और इनसे इंसानों में गया.
पैंगोलिन एक स्तनधारी जीव है जिसे चींटीख़ोर के नाम से भी जाना जाता है. पैंगोलिन चींटी, दीमक और कीड़े मौकड़े खाता है. ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक ये दुनिया का सबसे ज़्यादा तस्करी किया जाना वाला जानवर बन चुका है. चीन और वियतनाम में दवाएं बनाने और मांस के लिए इनकी बहुत मांग है. चीन में पैंगोलिन बेचते पाए जाने पर 10 साल की सजा का प्रावधान है. फिर भी हर साल चीन में हजारों पैंगोलिन का शिकार होता है. अमीरों में इसके मांस खाने का बड़ा प्रचलन है.