अमेरिका कोरोना के आगे बेबस, स्वास्थ्य विभाग के पास नहीं हैं पुख़्ता इंतज़ाम
कोरोना वायरस से लड़ने के लिए किए जा रहे प्रयासों ने अमेरिकी स्वास्थ्य व्यवस्था की कई कलई खोल कर रख दी है. पिछले दिनों व्हाइट हाउस ने यह स्वीकार किया कि अमेरिका के पास कोरोना के सम्भावित मरीज़ों का पता लगाने के लिए पर्याप्त टेस्ट किट्स नहीं हैं. ऐसे में यह अनुमान लगाया जा रहा है कि कोरोना वायरस से प्रभावितों की संख्या कहीं अधिक हो सकती है. इसको लेकर अमेरिकी प्रशासन को फ़ज़ीहत झेलनी पड़ रही है.

विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका में कोरोना का टेस्ट करने की गति बहुत धीमी है. उदाहरण के रूप में देखें तो जहाँ एक ओर अमेरिका अब तक कुल छः हज़ार के आस पास टेस्ट कर चुका है तो वहीं दक्षिण कोरिया एक दिन में दस हज़ार टेस्ट कर रहा है. जो अमेरिका से कहीं अधिक है.
इसकी कई वजहें हैं जैसे अमेरिका में स्वास्थ्य सेवाओं में बरती जा रही लाल फ़ीताशाही, व्यापक उपकरणों में कमी और शुरुआत में ट्रम्प प्रशासन का इस मुद्दे को गम्भीरता से न लेना.
वायरस के टेस्ट के लिए आप या तो सेंटर फ़ोर डिजीस कंट्रोल (CDC) या स्वास्थ्य विभाग द्वारा निर्धारित केंद्रो में ही जा सकते हैं और इन केंद्रो में भी पर्याप्त टेस्ट किट्स और अन्य व्यवस्थाएँ नहीं हैं. ऐसे में इन केंद्रो में सभी लोगों के टेस्ट नहीं हो पा रहे हैं, और सही मरीज़ों का पता नहीं लग पा रहा है. बड़ी समस्या यह है कि यदि मरीज़ को समय पर कोरोना का पता न लगे तो वह अन्य लोगों भी अनजाने में कोरोना वायरस फैला सकता है. इसी दौरान कुछ घोटालेबाज़ों द्वारा नक़ली टेस्ट किट्स बेचे जाने की भी खबरें आइ हैं.
न्यू यॉर्क टाइम्स अख़बार के मुताबिक़ टेस्ट कराने की धीमी गति का एक मुख्य कारण “तैयारी में कमी” है. अमेरिका ऐसे संकट के लिए तैयार ही नहीं था. इसके अलावा CDC ने जो टेस्ट किट्स उपलब्ध कराये थे उनमे भी तकनीकी ख़ामी पाई गयी. इस ख़ामी को दूर करने या वैकल्पिक व्यवस्था मुहैया कराने में ट्रम्प प्रशासन बेहद सुस्त रहा. अख़बार के मुताबिक़ जब CDC को पता चल चुका था कि उनकी टेस्ट किट्स ख़राब हैं तो वे अन्य देशों में अपनाई जाने वाली किट्स इस्तेमाल कर सकते थे लेकिन उन्होंने एसा नहीं किया क्योंकि इसमें अफ़सरशाही आड़े आ गयी. विशेषज्ञों का कहना है कि इस सुस्ती की वजह से अमेरिका ने एक अच्छा ख़ासा समय बर्बाद कर दिया.
वहीं दक्षिण कोरिया ने जगह जगह पर छोटे टेस्ट केंद्र स्थापित किए हैं जहां पर आप कभी भी जा कर वायरस के लिए अपना टेस्ट करा सकते हैं.
140 से अधिक देशों में फैल चुके कोरोना वायरस की वजह से साढ़े पांच हज़ार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.