अमेरिका का प्रस्ताव – सबसे पहले अमेरिकन लोग ही इस्तेमाल करें कोरोना का टीका, भड़का जर्मनी
कोरोना को लेकर दुनिया भर में उथल पुथल जारी है. जर्मनी ने आरोप लगाया है कि अमेरिका ने एक जर्मन फ़ार्मा कम्पनी “क्यूरवेक” (Cure Vac) को एक बड़ी क़ीमत देने का प्रस्ताव दिया है. इसके बदले में अमेरिका चाहता है कि कम्पनी कोरोना की दवा के सारे अधिकार अमेरिकन सरकार को दे दे. इसका मतलब यह है कि कोरोना की दवा को सिर्फ़ अमेरिकन लोग ही इस्तेमाल कर सकेंगे. इस कम्पनी का दावा है कि वह जून तक कोरोना वायरस का टीका बाज़ार में उतार सकती है.

न्यू यॉर्क टाइम्स की खबर के अनुसार मार्च महीने की शुरुआत में कम्पनी के तत्कालीन सी ई ओ डेनियल मेनिशेल, अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प और उपराष्ट्रपति माइक पेंस की इस सम्बंध में मुलाक़ात भी हुई.
इस खबर के बाद बर्लिन में रोष का माहौल बन गया है . CureVac एक ऐसी कम्पनी है जिसे विभिन्न रिसर्च गतिविधियों के लिए जर्मन सरकार भी सहायता करती है. इस खबर के बाद जर्मनी के मंत्री ने कहा कि जर्मनी “बिकाऊ” नहीं है. उन्होंने आगे यह भी कहा कि जर्मनी और यूरोप के लोगों के हितों के लिए जो भी करना होगा किया जाएगा. जर्मनी की सरकार ने कम्पनी की अमेरिकी प्रस्ताव ठुकराने को लेकर सराहना भी की.
क्या कहना है कम्पनी का
हालाँकि कम्पनी ने खुल कर इस प्रस्ताव के बारे में कुछ नहीं कहा है लेकिन इसकी पहली गाज इसके सी ई ओ पर गिरी है.
कम्पनी ने इस मुलाक़ात के कुछ दिनों बाद एक बयान जारी कर कहा कि कम्पनी के सी ई ओ डेनियल अपने पद से इस्तीफ़ा दे रहे हैं. हालाँकि उनके इस्तीफ़े का कारण सार्वजनिक नहीं किया गया है. यह कम्पनी एक जर्मन कम्पनी है लेकिन पिछले दो सालों से इसके सी ई ओ डेनियल मेनिशल थे जो कि एक अमेरिकी नागरिक हैं.
वहीं कम्पनी के एक प्रमुख निवेशक ने किसी भी देश को को सारे अधिकार देने की बात को ख़ारिज कर दिया. उन्होंने कहा है कि कम्पनी का उद्देश्य किसी एक देश या राज्य के लिए दवा बनाने का नहीं है. कम्पनी सारे विश्व के लिए दवा बना रही है.