कोरोना संकट : ईरान का अमेरिकी से स्वास्थ्य सेवाओं की मदद लेने से इनकार
ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह अली ख़ुमने ने अमेरिका से कोरोना सम्बंधित कोई भी मदद लेने से इनकार कर दिया है. उनका कहना है कि ऐसे समय पर एक दुश्मन मुल्क से मदद नहीं ली जा सकती है. यहाँ कोरोना से मरने वालों लोगों का आंकड़ा 1,685 पर पहुंच गया है.
ख़ुमने ने इस वायरस के पीछे अमेरिकी हाथ होने का संदेह भी जताया है. आल जज़ीरा की खबर के अनुसार उन्होंने कहा कि “हो सकता है यह वायरस ईरान के लोगों के लिए ही बनाया गया हो. “ उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिकी मदद, दवाओं और डाक्टरों से ईरान के लोग और ख़तरे में जा सकते हैं. उन्होंने यहां तक कहा है कि अमेरिका ईरान में ऐसा ड्रग ला सकता है जिससे वायरस जिंदा रहे और उसे मिटाना नामुमकिन हो जाए. अमेरिका ने इन आरोपों को झूठा और बेबुनियाद बताया है.
हालाँकि ख़ुमेने के इन दावों की ईरान में अभी तक किसी ने भी पुष्टि नहीं की है. चीन के कुछ दिन पहले अमेरिका पर आरोप लगाया था कि कोरोना वायरस चीन में अमरीकी सैनिकों द्वारा फैलाया गया वहीं अमरीका ने चीन पर इस वायरस को अपनी प्रोयगशाला में बनाया हुआ जैविक हथियार कहा है.
ईरान और अमेरिका के आपसी सम्बन्ध अच्छे नहीं हैं. अमेरिका ने ईरान पर कड़े आर्थिक प्रतिबन्ध लगा रखे हैं और ईरान अमेरिका को अपना सबसे बड़ा शत्रु मानता है. इस साल की शुरुआत में अमेरिका ने इराक में एयर स्ट्राइक कर शीर्ष ईरानी कमांडर कासिम सुलेमानी को मार गिराया. सुलेमानी ईरान में एक बड़ा नाम थे. बदले में ईरान ने इराक स्थित अमेरिकी दूतावास पर रॉकेट हमले किए थे. इसके बाद अमेरिका ने ईरान को चेतावनी देते कहा था कि अगर वह बदले की कार्रवाई करेगा तो उसे तबाह कर दिया जाएगा.