अमेरिका आर्थिक संकट में, तीस लाख लोग हुए बेरोज़गार

कोरोना से जूझ रहे अमेरिका पर अब आर्थिक मंदी और बेरोज़गारी का ख़तरा मंडराने लगा है. कोरोना के चलते यहाँ अब तक तीस लाख लोगों ने स्वयं को बेरोज़गार की श्रेणी में पंजीकृत कराया है. यह संख्या पिछले हफ़्ते तेज़ी से बढ़ी है. पहले कभी इतनी बड़ी संख्या में लोगों ने ख़ुद को बेरोज़गारी भत्तों और अन्य लाभों के लिए पंजीकृत नहीं करवाया था.

कोरोना की वजह से बाज़ार, दुकानें, रेस्टोरांट, खेल-कूद के आयोजन सब बंद कर दिए गये हैं. होटल बंद हैं और उत्पादन की दर गिर रही है. आर्थिक गतिविधियों के बंद होने से स्टाक मार्केट बंद पड़ा है और बाज़ार में मंदी बनी हुई है. अमेरिकी मीडिया में आयी ख़बरों के मुताबिक़ अमरीका को करीब चार ट्रिलियन डॉलर का नुक़सान होने की आशंका है और अगर एसा होता है तो बहुत सारे लोगों को भारी नुक़सान उठाना पड़ सकता है. और इनमें अधिकतर लोग कम या मध्य आय वाले लोग होंगे.

अमेरिका के बैंकों गोल्ड्मन शेक और बैंक आफ अमेरिका ने कहा है कि देश आर्थिक मंदी के दौर में पहुँच चुका है. अर्थव्यवस्था में आई गिरावट का सीधा असर नौकरियों पर पड़ने वाला है. जिससे आने वाले दिनों में लाखों लोग अपनी नौकरी गवाँ सकते हैं.

अमेरिकी सरकार इस समस्या से निबटने के लिए बड़े पैमाने पर प्रयास कर रही है. यहाँ अमेरिकी संसद ने दो ट्रिलियन के आर्थिक सहायता पैकेज पर मुहर लगा दी है. यह अब तक का अमरीकी इतिहास का सबसे बड़ा राहत पैकेज है. राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प ने कोरोना महामारी को राष्ट्रीय आपदा घोषित कर दिया है.

अमरीका में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों की संख्या 82,404 हो गई है जो लगातार बढ़ रही है. अभी तक हज़ार से ज़्यादा लोग अपनी जान दे चुके हैं. इसी के साथ अमरीका दुनिया में कोरोना संक्रमण के सबसे ज़्यादा मामलों वाला देश बन गया है. अमेरिका ने चीन को भी पीछे छोड़ दिया है.