इमरान खान को डर, लॉकडाउन से आ सकती है भुखमरी, अस्पताल नहीं उठा सकते कोरोना का बोझ

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि वे पूरी तरह से लॉकडाउन के पक्ष में नहीं हैं. पाकिस्तान में पाँच करोड़ से ज़्यादा लोग ग़रीबी रेखा से नीचे हैं और इमरान खान को डर है कि पूरी तरह लॉकडाउन करने से भुखमरी की स्थिति आ सकती है. पाकिस्तानी अख़बारों के अनुसार इमरान खान को लगता है कि पाकिस्तान की स्वास्थ्य सेवा कोरोना से लड़ने के लिए तैयार नहीं है.

पाकिस्तान के प्रमुख अख़बार दी डॉन के मुताबिक़ पाकिस्तान में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 5000 से अधिक हो गयी है. कोरोना की वजह से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में भारी नुक़सान देखा गया है. अख़बार के मुताबिक़ पाकिस्तान के निर्यात में 50 प्रतिशत की गिरावट आ गयी है और राजस्व में भी एक तिहाई की कमी दर्ज की गई है. पिछले दिनों इमरान ख़ान ने विदेशों में रह रहे पाकिस्तानियों से आर्थिक मदद की अपील की थी. इसके अलावा पाकिस्तान ने आईएमएफ़ से इमरजेंसी फ़ंड देने की भी गुज़ारिश की है.

पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना से निपटने के लिए की जा रही तैयारियों का सरकार से हिसाब माँगा है. वहीं पाकिस्तान में सेना और इमरान खान के बीच भी कोरोना से लड़ने के लिए उठाए गए क़दमों को लेकर एक राय नहीं दिख रही है. सेना ने कोरोना से लड़ने के लिए अपने स्तर पर कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. इमरान खान के विरोधियों का आरोप है कि वे कोरोना को बहुत हलके में ले रहे हैं.

वहीं दूसरी तरफ़ डॉक्टरों का कहना है कि वे पीपीई किट की भारी कमी से भी जूझ रहे हैं. देश भर में स्वास्थ्यकर्मी विरोध प्रदर्शनों और हड़ताल कर रहे हैं. बलूचिस्तान की राजधानी क्वेटा में हो रहे विरोध प्रदर्शनों ने हिंसक रूप ले लिया. यहाँ लोगों का आरोप है कि सरकार के पास स्वास्थ्य सेवाओं की कोई सुविधा नहीं है. बीबीसी के अनुसार यहाँ सरकार द्वारा भेजी गई सप्लाई में जो मास्क मिले वो K-95 मास्क थे जिन्हें नाई इस्तेमाल करते हैं. पाकिस्तान में बलूचिस्तान में ही सबसे पहले कोरोना के मरीज़ मिले थे. एसा बताया जाता है कि ये वायरस फ़रवरी और मार्च में ईरान की तरफ़ से आए श्रद्धालुओं के साथ पाकिस्तान आया.