भारत में क्यूँ खोले कोरोना में शराब के ठेके, सरकार के पास नहीं कोई रास्ता ?

भारत में कोरोना लॉकडाउन के दौरान शराब की दुकानें खोलने को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है. देशभर से शराब की दुकानों के बाहर खड़ी अव्यवस्थित भीड़ की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं. भीड़ की स्थिति से साफ़ पता लग रहा है कि सोशल डिसटेंसिंग की खुल कर धज्जियाँ उड़ी हैं.

सरकार ने लॉकडाउन के तीसरे चरण में शराब की दुकानों को खोलने की ढील दी है. सरकार को राजस्व की आवश्यकता है और अधिकतम राजस्व शराब उद्योग से आता है. देश के हर राज्य से करीब 2.5 लाख करोड़ रुपये का राजस्व केवल शराब बिक्री से हासिल होता है. अधिकतर राज्यों के कुल राजस्व में 15 ले 30 फीसदी राजस्व शराब बिक्री से ही आता है.

साल 2019-20 के आंकड़ों  के मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली को शराब की बिक्री से करीब 5,500 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ था. वहीं, महाराष्ट्र को 24,000 करोड़ रुपये, पश्चिम बंगाल को 11,874 करोड़ रुपये, तेलंगाना को 21,500 करोड़, उत्तर प्रदेश को 26,000 करोड़, कर्नाटक को 20,948 करोड़, पंजाब को 5,600 करोड़ रुपये और राजस्थान को 7,800 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ था.

इसी के तहत करीब 40 दिन बाद शराब की दुकानें सोमवार को खुलीं थी. हालांकि, लोगों की भारी भीड़ उमड़ने तथा अफरा-तफरी मचने के कारण दिल्ली, पश्चिम बंगाल, राजस्थान और आंध्र प्रदेश में खुलने के कुछ ही मिनट बाद दुकानों को बंद करना पड़ गया. भीड़ को देखते हुए दिल्ली में सरकार द्वारा शराब पर 70 फीसदी ‘कोरोना फी’ लगा दी गयी. लेकिन शराब के शौकीनों को न तो कोरोनावायरस के संक्रमण का डर था और न ही मदिरा पर लगाया गया भारी ‘कोरोना शुल्क’ उनके हौसले पस्त कर सका. यहाँ तक कि कुछ स्थानों पर भीड़ को काबू में ऱखने के लिए अर्द्धसैनिक बलों के कर्मियों को भी तैनात किया गया.

अब दिल्ली में सरकार ने शराब के शौकीनों के लिए ऑनलाइन टोकन व्यवस्था की शुरुआत की है. इस टोकन से बिना लंबी कतार में लगे व्यवस्थित तरीके से शराब खरीदी जा सकेगी.

पश्चिम बंगाल सरकार ने भी कोरोना से मुक़ाबले के लिए शराब पर 30 फ़ीसद अतिरिक्त बिक्री कर लगाकर रकम जुटाने का फ़ैसला किया है.इससे चालू वित्त वर्ष के दौरान सरकार को 4100 करोड़ का अतिरिक्त राजस्व मिलने की उम्मीद है.

शराब के लिए उमड़ी भीड़ से कोरोना संक्रमण के व्यापक होने का ख़तरा बढ़ गया है. लोगों में ग़ुस्सा इस बात का भी है जब करोड़ों लोग लॉकडाउन के चलते घरों में बंद हैं और सोशल डिसटेंसिंग का पालन कर रहे हैं, कुछ लोगों की लापरवाही सबकी मेहनत पार पानी फैला सकती है. देश के कई हिस्सों से विरोध के स्वर आ रहे हैं.

क्रिकेट खिलाड़ी हरभजन सिंह ने ट्वीट किया -‘जो मेहनत की थी सबने मिलकर इतने दिनों से, शराब के ठेके खोल कर सब खराब कर दी. ये ठीक नहीं है. सड़कों पर इतने सारे लोग. सोशल डिस्टेंगिस कहां गई? ये आपके लिए अच्छा नहीं है. ये हमारे लिए अच्छा नहीं है और न ही भारत के लिए. वेरी सेड.’