मिलिए 34 साल की उम्र में प्रधानमंत्री बनी सना मरीन से जिन्होंने असम्भव को सम्भव किया
किसी महिला का 34 साल की उम्र में किसी देश का प्रधानमंत्री बन जाना और वो भी बिना किसी राजनैतिक विरासत के, अपने आप में एक दुर्लभ उपलब्धि है. हम बात कर रहे हैं फिनलैंड की. जहां सना मरीन सिर्फ़ 34 साल की उम्र में प्रधानमंत्री बन गईं. फिनलैंड के इतिहास के साथ ही वह वर्तमान में दुनिया की सबसे युवा प्रधानमंत्री हैं. सना दिसंबर 2019, से फ़िनलैंड की प्रधानमंत्री हैं.
16 नवम्बर 1985 को फ़िनलैंड में जन्मी सना मरीन ने राजनीति की सीढ़ियाँ बहुत तेज़ी से चढ़ी हैं. सना ने साल 2012 में प्रशासनिक विज्ञान में टैम्पियर विश्वविद्यालय से स्नातक किया. 23 साल की उम्र में पहली बार इलेक्शन लड़ा, लेकिन वो हार गई थीं. साल 2012 में उन्हें टैम्पियर की नगर परिषद (सिटी काउंसिल) के लिए चुना गया. वो एक साल के भीतर ही सिटी काउंसिल की चेयरपर्सन बन गयीं और साल 2013 से 2017 तक इस पद पर रहीं. वह 2015 में पहली बार संसद सदस्य बनीं. जून 2019 में वह सरकार में शामिल हुईं और उन्हें परिवहन और संचार मंत्रालय का जिम्मा सौंपा गया. छः माह के भीतर ही वो देश की प्रधानमंत्री बन गयीं.

सना का आरम्भिक जीवन भी एक प्रेरणा है. वे समलैंगिक (लेस्बियन) अभिभावकों की इकलौती संतान हैं. बचपन में ही उनकी माताओं का अलगाव हो गया. इसके बाद उन्हें जेब खर्च और पढ़ाई के लिए नौकरी करनी पड़ी. उन्होंने पहली नौकरी 15 साल की उम्र में टैम्पीर शहर की एक बेकरी कंपनी में की और मैगज़ीन बाटने का काम भी किया. ग्रैजुएशन के बाद कुछ साल दुकानों में बतौर कैशियर काम किया. यूनिवर्सिटी की पढ़ाई के दौरान सना ने सिटी यूथ ऑफिस में और सेल्समैन के तौर पर भी काम किया.
सना राजनेता होने के साथ मार्कस राईकोन की मंगेतर और एक बच्ची की मां भी हैं. वो और मार्कस काफ़ी सालों से रिलेशनशिप में हैं. सना शाकाहारी हैं.
सना परिवार के साथ समय बिताने और श्रम क़ानूनों को सरक करने की पक्षधर हैं. वे हफ़्ते में चार दिन काम करने की वकालत करती हैं. उन्होंने अपनी पार्टी के एक कार्यक्रम में कहा “हफ्ते में चार दिन और हर दिन छह घंटे काम होना चाहिए। यही दुनिया में अगला ट्रेंड होगा.” उनका पक्ष था कि हर दिन आठ घंटे काम की बजाय परिवार के साथ अधिक समय बिताना जरूरी है. उनके काम के दिन कम करने का प्रस्ताव विपक्ष ने ठुकरा दिया था.फिनलैंड में फिलहाल हफ्ते में पांच दिन और हर दिन आठ घंटे काम का नियम है.