चीन और कनाडा के बीच तनाव बढ़ा, हुवावे की सीएफओ को झटका
चीन और कनाडा के बीच तनाव बढ़ने के आसार नज़र आ रहे हैं. ताज़ा घटनाक्रम के अनुसार कनाडा की एक अदालत ने चीन की दिग्गज टेक कम्पनी हुवावे के संस्थापक की बेटी और कम्पनी की मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) मेंग वनजाओ के अमेरिकी प्रत्यर्पण सम्बन्धी मुक़दमे को जारी रखने का आदेश दिया है.
इससे चीन और कनाडा के बीच तनाव बढ़ गया है. चीन का आरोप है कि कनाडा अमेरिका के दबाव में चीन के ख़िलाफ़ जा रहा है. अमेरिका ने हुवावे पर प्रतिबंध लगा रखे हैं. उसका कहना है कि कंपनी के उपकरणों से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है. अमेरिका को लगता है कि हुवावे के संस्थापक रें झेंगफे की चीन की सरकार से नजदीकियां हैं, इसलिए उनकी कंपनी जासूसी कर सकती है. हालांकि, झेंगफे और हुवावे अमेरिका के सभी आरोपों को खारिज कर चुके हैं. चीन का कहना है कि अमेरिका हुवावे को ट्रेड वार के चलते निशाना बना रहा है.

क्या है पूरा मामला
मेंग हुवाए कंपनी की संस्थापक रें झेंगफे की बेटी हैं. रेन झेंगफे चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के करीबी हैं. वे 20 साल तक चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी में थे. रेन ने 1987 में हुवावे की शुरुआत की थी. वे अपनी बेटी मेंग को उत्तराधिकारी के तौर पर तैयार कर रहे हैं.
अमेरिका ने मेंग और हुवावे पर बैंक फ्रॉड, ट्रेड सीक्रेट चुराने और ईरान पर प्रतिबंधों के उल्लंघन के आरोप लगाए हैं. अमेरिका के कहने पर मेंग को कनाडा के वेंकूवर हवाई अड्डे पर दिसंबर 2018 में कनाडा के अधिकारियों ने गिरफ़्तार कर लिया था. इस पर चीन और कनाडा के बीच कूटनीतिक लड़ाई तेज़ हो गई थी. मेंग तब से ही वेंकूवर के अपने घर में नज़रबंद है. अमेरिका मेंग को प्रत्यर्पित करने की माँग कर रहा है जबकि मेंग के वकील इसका विरोध कर रहे हैं. यही मामला वेंकुवर की अदालत में चल रहा है. यदि मेंग यह मुक़दमा हार जाती हैं तो उन्हें अमेरिका प्रत्यर्पित किया का सकता है जहां उन पर आपराधिक मुक़दमा चलाया जाएगा.
इस सप्ताह हुई सुनवाई में कोर्ट ने चीनी कारोबारी की सभी अपीलें ख़ारिज कर दी हैं और उन्हें दोहरे अपराधों की दोषी पाया गया है.
उधर जब कनाडा ने मेंग को गिरफ़्तार किया तो चीन ने भी बदले में दो कनाडाई नागरिकों को गिरफ़्तार कर लिया. अब इन नागरिकों पर सजा की तलवार लटक रखी है.