तोड़फोड़ और हिंसक प्रदर्शनों से हिला अमेरिका, डिट्रोयट में एक की मौत, न्यूयॉर्क में 12 गिरफ़्तार
अमेरिका में एक काले अमेरिकी की एक गोरे अमेरिकी पुलिसकर्मी द्वारा हत्या किए जाने के बाद हिंसा भड़क उठी है. यह घटना मिनेपोलिस शहर में हुई है जहां एक गोरे पुलिस अधिकारी ने जॉर्ज फ़्लॉयड नाम के एक निहत्थे काले व्यक्ति को गिरफ़्तार करते समय उनकी गर्दन पर घुटना टेककर उन्हें लगभग आठ मिनट तक दबाया जिससे जार्ज को साँस लेने में दिक़्क़त होने लगी, बाद में उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहाँ उनकी मौत हो गयी.
लोगों ने इस घटना का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया. इसके बाद से ही पूरे अमेरिका में पुलिस द्वारा काले लोगों पर लगातार की जा रही हिंसा को लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए. यह प्रदर्शन शिकागो, लॉस एंजलस और न्यूयार्क तक फैल गए हैं. प्रदर्शनकारियों ने मिनेपोलिस शहर में पुलिस चौकी को भी आग लगा दी. जगह जगह से आगजनी, तोड़फोड़ और पुलिस पर पथराव के मामले सामने आये हैं. अमेरिका में नेशनल सिक्योरिटी गार्ड को तैनात कर दिया गया है और सेना को भी अलर्ट कर दिया गया है.
विरोध प्रदर्शन शुक्रवार की रात से शुरू हुए हैं. CNN के अनुसार डिट्रोयट में प्रदर्शनकारियों पर पुलिस द्वारा गोली चलाने के बाद एक व्यक्ति की मौत हो गयी है. वहीं न्यूयॉर्क में 12 लोगों को गिरफ़्तार कर लिया गया है. लॉस एंजेल्स में दो पुलिसकर्मी घायल हुए हैं.
इस घटना के बाद अब अमरीका में नस्लीय हिंसा के इतिहास पर चर्चा छिड़ गई है. आँकड़ों के मुताबिक़ अमेरिका में पुलिस हिंसा में काले लोग सबसे अधिक मारे जा रहे हैं.
उधर इस घटना के बाद राष्ट्रपति ट्रम्प ने एक बार फिर अजीब बयान दिया है जिसके बाद लोगों का ग़ुस्सा और बढ़ गया है. ट्रम्प ने अपने बयान में कहा “जब लूट शुरू होता है उसके बाद ही शूट शुरू होता है और इसी वजह से पुलिस ने गोली चलाई” हालाँकि बाद में ट्रम्प ने कहा कि उनका यह बयान तथ्यों से परे था.
बी बी सी के अनुसार इस घटना की जांच जारी है हालांकि मामले के बारे में पूरी जानकारी अभी तक नहीं मिल पाई है. जॉर्ज की गर्दन पर घुटना रखने वाले पुलिस अधिकारी डेरेक शॉविन को गिरफ्तार कर लिया गया है और उन पर हत्या के आरोप लगाए गए हैं.
अमेरिका में नस्लीय भेदभाव की जड़ें बहुत गहरी हैं. यहाँ पुलिस द्वारा काले लोगों पर हिंसा करने का पुराना इतिहास रहा है. पुलिस हिंसा पर नज़र रखने वाली वेबसाइट mappingpoliceviolence.org के अनुसार साल 2019 में पुलिस द्वारा 1099 लोगों को मारा गया. वेबसाइट के अनुसार इस साल में केवल 27 दिन ऐसे थे जब पुलिस द्वारा कोई हत्या नहीं की गई. साल 2013 से 2019 के बीच पुलिस के हाथों हुई 99 फीसदी हत्याओं के मामले में अधिकारियों पर कोई आरोप नहीं लगाए गए.