कितना जानते हैं आप अपने ख़ून के बारे में ?
रक्त, खून या ब्लड हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण भाग है. रक्त से हमें शरीर में चल रही विभिन्न प्रक्रियाओं और उनके सही होने का पता चलता है. इसीलिए जब कभी तबियत ज़्यादा बिगड़ जाये तो डॉक्टर अक्सर ब्लड टेस्ट या रक्त परीक्षण की सलाह देते हैं. अगर सब कुछ ठीक ठाक है तब भी डाक्टरों का कहना है कि हर व्यक्ति को 20 साल की उम्र के बाद साल में एक बार ब्लड टेस्ट जरूर कराना चाहिए. आइए जानते हैं इस ब्लड के बारे में.

रक्त, खून या ब्लड आख़िर है क्या
वैज्ञानिक दृष्टि से रक्त एक तरल द्रव है जो शरीर के अंदर मौजूद वाहिनियों (नसों) के अंदर लगातार बहता है. यह गाढ़ा, कुछ चिपचिपा, लाल रंग का एक जीवित ऊतक (Live Tissue) है. यह प्लाज़्मा और रक्त कणों से मिलकर बनता है. अब ये प्लाज़्मा क्या है ?
प्लाज़्मा एक तरल पदार्थ है जिसमें रक्त कण तैरते रहते हैं. रक्त कण या जिन्हें ब्लड सेल्स भी कहते हैं सबसे महत्वपूर्ण भाग हैं हमारे शरीर का. इन ब्लड सेल को शरीर के विभिन्न अंग़ो तक पहुँचना बहुत ज़रूरी होता है. इसी लिए कुदरत ने शरीर को प्लाज़्मा दिया है. एक ऐसा द्रव (Liquid) है जो इन ब्लड सेल्स को शरीर के विभिन्न अंग़ो तक पहुँचाता है. यह रंगहीन तरल होता है जिसमें 90% पानी, प्रोटीन और अकार्बनिक लवण होते हैं. इसमें घुलनशील रूप में ग्लूकोज, एमिनो एसिड, वसा, यूरिया, हार्मोन, एंजाइम आदि जैसे कुछ कार्बनिक पदार्थ भी होते हैं. शरीर में यह इन घुलनशील पदार्थों को एक हिस्से से दूसरे हिस्से में पहुंचाता है. प्लाज्मा के प्रोटीन में एंटीबॉडीज होते हैं जो बीमारियों और संक्रमण के खिलाफ शरीर की रक्षा प्रणाली में सहायता करते हैं.
रक्त कण या ब्लड सेल्स तीन प्रकार के होते हैं
लाल रक्त कण ( रेड ब्लड सेल ) या RBC
लाल रक्त कण (RBC) का काम सबसे महत्वपूर्ण है. ये हमारे साँस लेने वाले अंग़ो से आक्सीजन को बाक़ी अंगो तक पहुँचता है. अगर शरीर में RBC कम हो जायें तो एनिमिया की बीमारी हो सकती है. इन्ही की वजह से हमारे रक्त का रंग लाल होता है. यह लाल रंग का इसलिए होता है क्योंकि इन कणो की लाल कोशिकाओं में हीमोग्लोबिन नाम का लाल रंग पाया जाता है.
RBC हमारे अस्थि मज्जा (बोन मेरो) में बनते हैं. जब हम किसी व्यक्ति के जीवन को बचाने के लिए रक्त दान करते हैं तब हमारे शरीर में होने वाली खून की कमी एक ही दिन में पूरी हो जाती है क्योंकि अस्थिमज्जा में लाल रक्त कोशिकाएं बहुत तेजी से बनती हैं. RBC का जीवन करीब 100-120 दिनों का होता है.
सफ़ेद रक्त कण (व्हाइट ब्लड सेल) या WBC
सफ़ेद रक्त कण (WBC) आपके शरीर के रक्षक का काम करते हैं. यही आपके शरीर की इम्यूनिटी या रोगों से लड़ने की ताक़त को बढ़ाते हैं. WBC शरीर को हानिकारक बैक्टिरिया और अन्य तत्वों से लड़ने में मदद करते हैं. यूँ कह लें कि यह हमारे शरीर के सैनिक हैं जो दुश्मन कीटाणुओं को मारकर हमें सुरक्षित रखते हैं.
प्लेटलेट्स
प्लेटलेट्स रक्त वाहिनियों की सुरक्षा तथा रक्त का थक्का बनाने में सहायक होते हैं. यही कोई चोट लगने पर होने वाले रक्तस्त्राव को ये रोकते हैं. स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में डेढ़ से चार लाख प्लेटलेट्स होती हैं. डेंगू, मलेरिया, स्क्रब टायफस, टायफॉइड जैसे रोगों में और दर्दनिवारक दवाएं नियमित लेने से ये घटने लगती है. ऐसी स्थिति में रोगी को अस्पताल में भर्ती कर रोगी से मिलते ब्लड ग्रुप वाले व्यक्ति के रक्त से जरूरत अनुसार प्लेटलेट्स निकालकर उसे चढ़ाते हैं.
आइए अब जानते हैं रक्त के कुछ रोचक तथ्य –
आपके खून में सोना है. चौंकिए नहीं. मानव रक्त में कई प्रकार के पदार्थ होते हैं जैसे आयरन, ज़िंक, सीसा, मैगनीज इत्यादि. इन्ही पदार्थों में सोना यानी गोल्ड भी शामिल है. औसतन एक मानव शरीर में 0.2 मिलीग्राम सोना होता है.
औसतन, एक स्वस्थ्य पुरुष के शरीर में करीब 5 लीटर रक्त होता है जबकि महिलाओं में पुरुषों के मुकाबले करीब 500 मिली कम रक्त होता है .