बेरुत धमाका – कौन सी लापरवाही बनी कई लोगों की मौत का कारण

लेबनान की राजधानी बेरुत में हुए धमाके की वजह से देश में संकट की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. इस भीषण धमाके में अब तक 135 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 5 हजार से ज्यादा लोग घायल हैं. धमाके के कारण करीब तीन लाख लोग बेघर हो गए हैं.

भू-वैज्ञानिकों का यह मानना है कि विस्फोट 3.3 रिक्टर स्केल की तीव्रता वाले भूकंप के बराबर था. लेबनानी अधिकारियों ने कहा है कि बेरुत बंदरगाह के वेयरहाउस में लगभग 2750 टन अमोनियम नाइट्रेट मौज़ूद था जो विस्फोट का मुख्य कारण बना. इसका इस्तेमाल नाइट्रोजन के रूप में खेती में उर्वरक के लिए होता है. लेकिन इसका इस्तेमाल ईंधन तेल के साथ विस्फोटक बनाने में भी किया जाता है. यह खनन और कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री में काम आता है.

अमोनियम नाइट्रेट के इस धमाके में लेबनान का मुख्य अनाज भंडार भी बर्बाद हो गया है. इस तबाही के बाद लेबनान के पास एक महीने से भी कम का सुरक्षित अनाज बचा है. धमाके में तबाह हुए अनाज गोदामों में कम से कम 15 हज़ार टन अनाज की बर्बादी हुई है. बीबीसी ने अपनी खबर में कहा है कि लेबनान ज़्यादातर खाद्य सामग्री आयात करता है और अनाज का बड़ा हिस्सा पोर्ट पर स्टोर करके रखा जाता है. लेकिन धमाके में ये स्टोर किए अनाज भी पूरी तरह से बर्बाद हो गए हैं. लेबनान खाद्य संकट के मुहाने पर खड़ा है.

वहीं दूसरी ओर लेबनान में इस धमाके के बाद लोग बेहद ग़ुस्से में हैं. धमाका यहाँ के पोर्ट (बंदरगाह) में हुआ. इस पोर्ट में 2014 में एक जहाज से जब्त 2,750 टन अमोनियम नाइट्रेट रखा हुआ था. बिना किसी सुरक्षा इंतजाम के, यह छह साल तक ऐसे ही पड़ा हुआ था. पिछले 6 सालों से ये टाइम बम टिक टिक कर रहा था. मगर बेरूत प्रशासन और लेबनान सरकार इससे बेखबर थी.