अब भगवन बुद्ध को लेकर झगड़े भारत और नेपाल
भारत और नेपाल के बीच धार्मिक महापुरुषों के नाम पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. पिछले दिनों नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने यह कहकर विवाद पैदा कर दिया था कि भगवन राम का जन्म नेपाल में हुआ था जिसके बाद पूरे भारत और नेपाल में उनकी आलोचना हुई थी. अब नया विवाद भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के बयान को लेकर है जिसमे उन्होंने गौतम बुद्ध के बारे में ऐसा कह दिया कि नेपाली भड़क गए.
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के एक कार्यक्रम में जयशंकर ने कहा था- ऐसे कौन से महानतम भारतीय हैं, जिन्हें आप याद रख सकते हैं. तो मैं कहूँगा एक हैं गौतम बुद्ध और दूसरे महात्मा गांधी. इसके बाद से ही नेपाल के राजेताओं ने आपत्ति जतानी शुरू कर दी. नेपाली विदेश मंत्रालय ने कहा कि ऐतिहासिक और पौराणिक तथ्यों से यह साबित हुआ है कि गौतम बुद्ध का जन्म नेपाल के लुंबिनी में हुआ था. 2014 में नेपाल यात्रा के दौरान भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेपाली संसद को संबोधित करते हुए कहा था कि नेपाल वह देश है जहां विश्व में शांति का उद्घोष हुआ और बुद्ध का जन्म हुआ.
विवाद को बढ़ता देख भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी तुरंत बयान जारी कर दिया. विदेश मंत्रालय ने नेपाल की आपत्ति पर जवाब देते हुए कहा कि सीआईआई के कार्यक्रम में कल विदेश मंत्री एस जयशंकर की टिप्पणी ने हमारी साझा बौद्ध विरासत को संदर्भित किया था. इसमें कोई शक नहीं कि गौतम बुद्ध का जन्म लुंबिनी में हुआ था, जो नेपाल में है.
लेकिन इस विवाद से दोनों देशों के बीच अविश्वाश साफ दिखाई दे रहा है. पिछले कुछ दिनों से दोनों देशों के बीच सम्बन्ध अच्छे नहीं रहे हैं. कुछ समय पहले नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने कहा था कि ‘भगवान राम का जन्म नेपाल में हुआ था.’ अपने सरकारी आवास पर कवि भानुभक्त के जन्मदिन पर हुए समारोह में केपी शर्मा ओली ने यह बयान दिया. ओली ने कहा कि अयोध्या भारत में नहीं, बल्कि नेपाल के बीरगंज में स्थित एक छोटा सा गांव है. ओली यहीं पर नहीं रुके. उन्होंने कहा दशरथ के पुत्र राम भारतीय नहीं थे और अयोध्या भी नेपाल में हैं. हमने भारतीय राजकुमार को सीता नहीं दीं, जो कि जनकपुर में जन्मीं थीं, बल्कि वह अयोध्या के राम को ब्याही थी. न कि भारत के राम को।” उनके मुताबिक, नेपाल को हमेशा से सांस्कृतिक रूप से दबाया गया है और झूठे दावे किए गए हैं. इसके बाद भारत और नेपाल में ओली की बुरी तरह आलोचना की गई थी.