क्यों चीन ने गिरफ्तार किया लोकतंत्र समर्थक अरबपति जिम लाई को ?
चीन ने हांगकांग के अरबपति और बिज़नेसमैन जिम लाई को हिरासत में ले लिया हालाँकि हांगकांग में उनकी गिरफ़्तारी के विरोध और विदेशी मीडिया में इस खबर के आने के बाद उनको ज़मानत पर रिहा कर दिया गया. हांगकांग में चीन द्वारा लागू नए सुरक्षा क़ानून के तहत यह सबसे अब तक की बड़ी गिरफ़्तारी मानी जा रही है.
जिम लाई हांगकांग में कई उद्योगों के प्रमुख हैं. वे “एप्पल डेली” के नाम से एक अख़बार भी चलाते हैं. जिम अपनी लोकतंत्र समर्थक छवि के लिए जाने जाते हैं. वह हांगकांग में चल रहे लोकतंत्र समर्थक आंदोलन से भी जुड़े रहे हैं. वे चीन की सरकार की खुले तौर से आलोचना करते रहे हैं. वे अक्सर लोकतंत्र समर्थक रैलियों में शामिल होते हैं. चीनी सरकार अक्सर उनके बिज़नेस को निशाना बनाकर जिम लाई पर दबाव बनाती रही है. चीनी सरकारी मीडिया अक्सर उन पर अमेरिकी एजेंट होने का आरोप लगाती रही है. जिम ताइवान के भी खुले समर्थक हैं.

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चीन द्वारा हांगकांग में नया सुरक्षा क़ानून लाने के बाद अंदेशा लगाया जा रहा था कि जिम पर चीनी सरकार कार्यवाही कर सकती है. स्वयं जिम ने भी इस बात की आशंका जताई थी. इसलिए जब पिछले सोमवार को जब जिम को गिरफ़्तार किया गया तो उनके समर्थन सड़कों पर उतर आए थे. पुलिस ने जिम को गिरफ़्तार करने के बाद उनके अख़बार एप्पल डेली के दफ़्तर में भी छापा मारा था. इसके विरोध में जिम के समर्थकों ने बड़ी संख्या में उनके अख़बार की प्रतियाँ ख़रीद लीं.
जिम की गिरफ्तारी की दुनिया भर में निंदा की गई और इसे लोकतंत्र की आवाज़ को दबाने की कोशिश के रूप में देखा गया. चीन के सरकारी मीडिया के अखबार ग्लोबल टाइम्स ने अपने सम्पादकीय में लिखा है कि “जिम महत्वपूर्ण मुद्दों पर गलत पक्ष का साथ देते हैं”, यहाँ उनका इशारा अमेरिका की तरफ है. अखबार आगे लिखता है कि जिम पूरी तरह अमेरिका के पाले में चले गए हैं और वो हांगकांग को एक अमेरिका परस्त समाज बनाना चाहते हैं.