“दोस्ती जब किसी से की जाये, दुश्मनों की भी राय ली जाए “ अलविदा राहत इंदौरी
राहत इंदौरी नहीं रहे. मंगलवार 11 अगस्त को उन्होंने आख़िरी साँस ली. दुनिया भर में अपनी शायरी से लोगों का दिल जीतने वाले राहत, कोरोना से हार गए. जिस राहत को हम जानते हैं उन्होंने कोरोना से लड़ाई तो पूरी शिद्दत से लड़ी होगी, लेकिन उम्र की कमजोरी के आगे शायद उनका बस नहीं चला. राहत एक बेहतरीन दुनिया के लिए कूच कर गए जहाँ इस नफ़रत और सियासत नहीं है और न ही कोई उन्हें ट्रोल करने वाला है. हैं तो बस उनके फ़न के क़द्रदान.

1 जनवरी 1950 को इंदौर में जन्मे राहत क़ुरैशी उर्दू को पढ़ते पढ़ाते कब राहत इंदौरी हो गए मालूम नहीं, लेकिन उन्होंने अपनी उर्दू शायरी के स्वाद से न जाने कितने लोगों को राहत दी. पेश हैं राहत इंदौरी के कुछ मशहूर शेर जिन्हें हम सब ने कभी ना कभी पढ़ा या सुना है
१
बुलाती है मगर जाने का नहीं
ये दुनिया है इधर जाने का नहीं
मेरे बेटे किसी से इश्क़ कर
मगर हद से गुज़र जाने का नहीं
ज़मीं भी सर पे रखनी हो तो रखो
चले हो तो ठहर जाने का नहीं
सितारे नोच कर ले जाऊंगा
मैं खाली हाथ घर जाने का नहीं
वबा फैली हुई है हर तरफ
अभी माहौल मर जाने का नहीं
वो गर्दन नापता है नाप ले
मगर जालिम से डर जाने का नहीं
२
कितनी पी कैसे कटी रात मुझे होश नहीं
रात के साथ गई बात मुझे होश नहीं
मुझको ये भी नहीं मालूम कि जाना है कहाँ
थाम ले कोई मेरा हाथ मुझे होश नहीं
आँसुओं और शराबों में गुजारी है हयात
मैं ने कब देखी थी बरसात मुझे होश नहीं
जाने क्या टूटा है पैमाना कि दिल है मेरा
बिखरे-बिखरे हैं खयालात मुझे होश नहीं
३
दोस्ती जब किसी से की जाये|
दुश्मनों की भी राय ली जाये|
मौत का ज़हर है फ़िज़ाओं में,
अब कहाँ जा के साँस ली जाये|
बस इसी सोच में हूँ डूबा हुआ,
ये नदी कैसे पार की जाये|
मेरे माज़ी के ज़ख़्म भरने लगे,
आज फिर कोई भूल की जाये|
बोतलें खोल के तो पी बरसों,
आज दिल खोल के भी पी जाये|
४
अगर ख़िलाफ़ हैं होने दो जान थोड़ी है
ये सब धुआँ है कोई आसमान थोड़ी है
लगेगी आग तो आएँगे घर कई ज़द में
यहाँ पे सिर्फ़ हमारा मकान थोड़ी है
मैं जानता हूँ के दुश्मन भी कम नहीं लेकिन
हमारी तरहा हथेली पे जान थोड़ी है
हमारे मुँह से जो निकले वही सदाक़त है
हमारे मुँह में तुम्हारी ज़ुबान थोड़ी है
जो आज साहिबे मसनद हैं कल नहीं होंगे
किराएदार हैं ज़ाती मकान थोड़ी है
सभी का ख़ून है शामिल यहाँ की मिट्टी में
किसी के बाप का हिन्दोस्तान थोड़ी है