आलोचना के बीच रूस ने दिया दुनिया को वैक्सीन पर जवाब, क्यों है दुनिया को संदेह?

रूस ने वैक्सीन पर दुनिया भर से उठ रहे सवालों का जवाब देते हुए कहा है कि उसकी वैक्सीन पूरी तरह “सुरक्षित” और “पूरी तरह से तैयार” है. रूस ने पश्चिमी देशों द्वारा उठाये गए सवालों की बिलकुल बेबुनियाद बताया है. बता दें कि जिस तेज़ी से रूस ने इस वैक्सीन को बांया है उस पर कई देशों के वैज्ञानिकों ने संदेह जताया है. जर्मनी, फ़्रांस, स्पेन और अमरीका में वैज्ञानिकों ने इसे लेकर सतर्क रहने के लिए कहा है.

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रूस ने कोरोना की इस वैक्सीन की जानकारी मंगलवार को दी थी. स्वयं राष्ट्रपति व्लदीमिर पुतिन ने इसकी जानकारी दी थी. रूस ने इस वैक्सीन का नाम स्पुतनिक-5 (Sputnik V) रखा है कि जो उसके एक उपग्रह का भी नाम है. मॉस्‍को के गामलेया रिसर्च इंस्टिट्यूट ने एडेनोवायरस को बेस बनाकर यह वैक्‍सीन तैयार की है. पुतिन ने कहा कि वैक्‍सीन सारे जरूरी टेस्‍ट से गुजरी है. दावा किया गया है कि इस टीके का इंसानों पर दो महीने तक परीक्षण किया गया और ये सभी सुरक्षा मानकों पर खरा उतरा है. अब यह वैक्‍सीन बड़े पैमाने पर उत्पादन के लिए भेजी जाएगी. रूस ने कहा है कि वह अक्‍टूबर से देशभर में टीका लगाने की शुरुआत कर सकता है.

रूस के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है “ऐसा लगता है कि हमारे विदेशी सहकर्मी रूसी दवा के सबसे पहले आने के फायदों को महसूस कर रहे हैं वो ऐसी बातें कर रहे हैं जो कि बिल्कुल ही बेबुनियाद हैं”

देखिये क्या कहा अन्य लोगों ने

दुनिया भर के वैज्ञानिकों ने इस वैक्सीन पर सवाल उठाये हैं. कुछ वैज्ञानिकों का कहना है कि रूस द्वारा टीके में की जा रही जल्दबाज़ी के गंभीर दुष्परिणाम हो सकते हैं. विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि यदि इस वैक्सीन से साइड इफ्फेक्ट हुए तो लोगों का वैक्सीन से विश्वास उठ सकता है. दुनिया भर में किसी भी वैक्सीन को लोगों को उपलब्ध करने की एक प्रक्रिया है. जिसके कई चरण हैं. यदि किसी भी चरण में जल्दबाज़ी या आंकड़ों की कमी हो तो वैक्सीन के सही परिणाम सामने नहीं आ सकते. वहीँ दूसरी तरफ स्वस्थ व्यक्ति पर वैक्सीन का क्या असर होता है, इससे जानने में समय लगता है और इस प्रक्रिया में जल्दबाज़ी घातक हो सकती है.

अमेरिका के प्रमुख स्वास्थ्य विज्ञानी एंथोनी फाउची ने भी इस वैक्सीन पर संदेह जताया है. जर्मनी, फ़्रांस और ब्रिटेन ने इस वैक्सीन पर सवाल उठाया है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि वो रूसी अधिकारियों से इस टीके की समीक्षा करने के लिए संपर्क कर रहे हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन अभी छह टीकों पर नज़र रखे हुए है जिनका विकास हो रहा है और उनमें रूस का ये टीका शामिल नहीं है.