अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव : भारतीयों को ख़ुश करने में जुटे हैं बाइडन

अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए चुनावी तैयारियाँ ज़ोरों पर हैं और इसी क्रम में वोटरों को रिझाने का दौर शुरू हो गया है. डेमोक्रेटिक पार्टी से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बाइडन भारतीय मतदाताओं को ख़ुश करने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते. पहले उन्होंने भारतीय मूल की कमला हेरिस को उपराष्ट्रपति के उम्मीदवार लिए चुना और अब वो भारतीयों को ख़ुश करने वाले बयान भी दे रहे हैं.

उन्होंने अपने ताज़ा बयान में कहा कि अगर वह राष्‍ट्रपति बनते हैं तो उनका प्रशासन भारत पर आने वाले हर खतरे से मुकाबला करने के लिए नई दिल्‍ली के साथ खड़ा रहेगा. ट्रम्प द्वारा H1B वीज़ा के खिलाफ ऐक्‍शन लेने के लिए ट्रंप की आलोचना भी की. इस वीज़ा का सबसे अधिक लाभ भारतीय उठाते रहे हैं.

जो बाइडन ओबामा प्रशासन में उपराष्ट्रपति रह चुके हैं

बाइडन ने दोनों देशों के बीच व्यापार और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर सहयोग करने का भी अश्वाशन दिया. उल्लेखनीय है कि वर्तमान राष्ट्रपति ट्रम्प व्यापार और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर भारत की आलोचना कर चुके हैं.

कौन हैं जो बाइडन

जो बाइडन अमेरिका की राजनीति के पुराने खिलाड़ी हैं. वे पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के समय में उपराष्ट्रपति रह चुके हैं. जो बाइडन 1988 में भी राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल हए थे लेकिन बाद में उन्होंने खुद को इस से अलग कर लिया था. 2008 में बाईडन ने एक बार फिर अपनी क़िस्मत आज़मानी चाही लेकिन इस बार उम्मीदवारी बराक ओबामा के हाथ लगी. वे लगभग पच्चीस सालों तक अमेरिका के डलवेर से सांसद रह चुके हैं. बाइडन कई उच्च स्तरीय समितियों के सदस्य भी रह चुके हैं.

बाइडन का प्रतिद्वंदी रिपब्लिकन पार्टी के विरोध बहुत पुराना इतिहास है. उन्होंने 1991 के खाड़ी युद्ध का खुले तौर पर विरोध किया था. यहाँ उल्लेखनीय है कि 1991 का खाड़ी युद्ध जार्ज बुश सीनियर के समय में हुआ था जो कि रिपब्लिकन पार्टी के नेता थे. उन्होंने बोस्निया में नाटो की कार्यवाही का भी खुले तौर पर विरोध किया था.

20 नवम्बर 1942 को पेंसिलवेनिया के एक कैथोलिक परिवार में जन्मे बाइडन ने क़ानून की डिग्री ली हुई है. उन्होंने अपना करियर वकालत से शुरू किया. साल 1972 में वे पहली बार अमेरिकी सीनेट के लिए चुने गए.