बेलारूस संकट : विपक्ष पर आपराधिक जाँच, विपक्ष ने की सेना से बग़ावत की अपील

बेलरुस में सरकारी अधिकारियों ने विपक्ष पर “आपराधिक जाँच” करने कि फ़ैसला किया है. सरकार का कहना है कि विपक्ष निर्वाचित राष्ट्रपति अलेक्ज़ेंडर लुकाशंको को सत्ता से अपदस्थ करने की साज़िश कर रहा है. लुकाशंको का यह फ़ैसला विपक्ष द्वारा एक समन्वय परिषद बनाये जाने की घोषणा के बाद आया है. विपक्ष ने स्वेतलाना तिखानोव्सना के नेतृत्व में समन्वय परिषद बनायी है जिसका उद्देश्य बेलारूस में शांतिपूर्ण तरीक़े से पुनः राष्ट्रपति चुनाव कराना है. स्वेतलाना तिखानोव्सना पिछले राष्ट्रपति चुनावों में लुकाशंको से चुनाव हार गयीं थी. विपक्ष और बेलारूस की जनता इन चुनावों में धांधली का आरोप लगा रही है और बड़ी संख्या में लोग प्रदर्शन करने के लिए सड़कों में हैं. इन लोगों की माँग है कि लुकाशंको इस्तीफ़ा दें और फिर से चुनाव करवाए जायें.

पुलिस ने बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों को गिरफ़्तार किया है और मीडिया में आई खबरों के अनुसार कई स्थानों पर प्रदर्शनकारियों पर बुरी तरह से बल का प्रयोग किया गया है. वहीं राष्ट्रपति लुकाशंको ने अपने इस्तीफ़े से साफ़ इनकार किया है. उन्होंने अपनी सराकर को आदेश दिया है कि अब और अशांति ना होने दी जाए. साथ ही उन्होंने देश की सीमाओं को सुरक्षित करने पर भी जोर दिया है. अपनी सुरक्षा परिषद की बैठक के दौरान लुकाशेंको ने कहा, “राजधानी मिंस्क में अब और दंगे नहीं होने चाहिए. लोग थक चुके हैं, वे शांति और सुकून चाहते हैं.”

उधर बेलारूस में जारी राजनीतिक संकट पर बुधवार को यूरोपीय संघ की आपात शिखर बैठक के बाद जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल ने कहा है कि यूरोपीय संघ बेलारूस में हुए चुनाव के नतीजों को मान्यता नहीं देता. उन्होंने कहा कि चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष नहीं थे, इसीलिए उन्हें मान्यता नहीं दी जा सकती साथ ही उन्होंने शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रही जनता के प्रति भी समर्थन जताया.

विपक्षी नेता स्वेतलाना ने ऐसे सम्विधान की मांग की है जिससे दोबारा स्वतंत्र चुनाव हो सकें. उन्होंने बेलारूस की सेना से राष्ट्रपति लुकाशेंको के खिलाफ बगावत करने की अपील भी की है. वे इस समय पड़ोसी देश लिथुआनिया में हैं.