पाकिस्तान ने माना कराची में है दाऊद इब्राहिम, अंतराष्ट्रीय दबाव में लिया फ़ैसला
पाकिस्तान सरकार ने पहली बार माना है कि कुख्यात अपराधी दाऊद इब्राहिम पाकिस्तान में है.पाकिस्तान सरकार ने आतंकियों की नई लिस्ट जारी की है, इसमें दाऊद इब्राहिम का भी नाम है. भारत हमेशा से कहता आ रहा है कि दाऊद इब्राहिम पाकिस्तान के कराची शहर में है लेकिन पाकिस्तान इस बात को ख़ारिज करता रहा है.
पाकिस्तानी मीडिया में आई खबरों के अनुसार पाकिस्तान ने 88 प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों और हाफिज सईद, मसूद अजहर और दाऊद इब्राहिम समेत उनके साथियों पर कड़े वित्तीय प्रतिबंध लगाए हैं. इन संगठनों में जमात-उद-दावा, जैश-ए-मोहम्मद, तालिबान, दाएश, हक्कानी समूह, और अलकायदा जैसे आतंकी संगठन शामिल हैं. सरकार ने इन संगठनों और उनके नेताओं की सभी चल और अचल संपत्तियों को जब्त करने और उनके बैंक खातों को सील करने के आदेश दिए है.
इस लिस्ट में दाऊद का नाम आने से यह स्पष्ट है कि पाकिस्तान के पास उसकी जानकारी थी. पाकिस्तान द्वारा जारी की गई लिस्ट में उसका पता “व्हाइट हाउस, सऊदी मस्जिद के पास, क्लिपटन, कराची” बताया गया है.

दरसल पाकिस्तान अभी अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद को वित्तीय सहायता पर निगरानी रखने वाली संस्था फाइनेंशियल ऐक्शन टास्क फ़ोर्स (FATF) की ‘ग्रे लिस्ट’ में है. संस्था ने जून 2018 में ग्रे लिस्ट में डालते हुए कहा था कि पाकिस्तान 2019 तक इन संगठनों और लोगों पर कार्रवाई करे लेकिन कोरोना के चलते इस समय सीमा को बढ़ा दिया गया. अब पाकिस्तान इस लिस्ट से बाहर आने की कोशिश कर रहा है. अगर पाकिस्तान एफएटीएफ की ‘ग्रे लिस्ट’ में बना रहता है या उसे ‘डार्क ग्रे’ लिस्ट में डाल दिया जाता है तो उसके लिए अंतराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ), विश्व बैंक और यूरोपीय संघ से आर्थिक मदद हासिल करना मुश्किल हो जाएगा, जिसका सीधा असर उसकी अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा.
क्या है फाइनेंशियल ऐक्शन टास्क फ़ोर्स (FATF)
फाइनेंशियल ऐक्शन टास्क फ़ोर्स या FATF, आतंकवाद की फ़ंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग पर निगरानी रखने वाली एक अंतराष्ट्रीय संस्था है. एफएटीएफ का गठन 1989 में हुआ था और इसका मुख्यालय पेरिस, फ़्रांस में है. लगभग 39 देश इसके सदस्य हैं जिनमें अमेरिका, ब्रिटेन, आस्ट्रेलिया, भारत, सऊदी अरब जैसे देश शामिल हैं. अंतराराष्ट्रीय वित्तीय व्यवस्था को साफ-सुथरा बनाए रखना इस संस्थान का मकसद है.
कौन कौन देश हैं ग्रे लिस्ट में
ग्रे लिस्ट में होना किसी भी देश के लिए मुसीबत बैन सकती है. फ़िलहाल पाकिस्तान के अलावा सीरिया, युगांडा, यमन, बारबाडोस जैसे देश इस लिस्ट में हैं.