तेल भंडार को लेकर तुर्की और ग्रीस युद्ध के मुहाने पर, स्थिति तनावपूर्ण

भूमध्य सागर में तेल और गैस भंडारों को लेकर तुर्की और ग्रीस के बीच तनाव गहरा गया है. दोनों देशों ने घोषणा की है कि घोषणा की है कि वे दोनों साइप्रस और क्रीट के बीच पूर्वी भूमध्य सागर में सैन्य अभ्यास करेंगे. क्रीट और साइप्रस के पास विवादित जलक्षेत्र में तेल और गैस भंडारों के मिलने के बाद दोनों नाटो देशों के बीच गंभीर टकराव की स्थिति हो गयी है. स्थिति तब और बिगड़ गयी जब तुर्की ने घोषणा कर दी कि उसका तेल शोध जहाज़ “ओरुक रीस” 27 अगस्त तक विवादित क्षेत्र में रहेगा. ग्रीस इस बात से नाराज़ है और तुर्की के तेल खोजी अभियान को गैर क़ानूनी मानता है.

पहले मिशन रविवार (23 अगस्त) को समाप्त होना था, लेकिन तुर्की ने एक नौसैनिक अलर्ट भेजकर यह घोषणा कर दी कि ओरुक रीस और दो और जहाज अपना कार्य जारी रखेंगे. ग्रीस ने इसका जवाब अपने नौसैनिक अलर्ट में दिया. जिसमें कहा है कि ग्रीस की वायु और नौसेना दोनों देशों के एक साथ ओवरलैप होने वाले क्षेत्र में संयुक्त अभ्यास करेंगे. तुर्की ने अधिकारिक चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि ग्रीस के जहाज़ इस क्षेत्र से दूर रहें.

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यूरोपीयन यूनियन इस मामले की गंभीरता को समझते हुए हरकत में आ गया है. मंगलवार को जर्मनी के विदेश मंत्री एथेंस ( ग्रीस की राजधानी ) और अंकारा ( तुर्की की राजधानी ) के लिए उड़ान भर रहे हैं ताकि स्थिति को शांत किया जा सके. जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल ने पिछले कुछ हफ्तों में कई बार तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन और ग्रीक के प्रधानमंत्री किरियाकोस मित्सोटाकिस से बात कर ग्रीस और तुर्की के बीच तनाव कम करने की कोशिश की है. हालाँकि, फ्रांस पूरी तरह से ग्रीस का समर्थन कर रहा है और उसने नाटो और यूरोपीय संघ को तुर्की की निंदा करने और देश पर नए प्रतिबंध लगाने के लिए कहा है. फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रोन ने ग्रीक नौसेना के गश्ती दल को सहायता प्रदान करने के लिए दो राफेल लड़ाकू जेट और दो नौसेना जहाजों की तैनाती का आदेश दिया है. अमरीका ने दोनों ही पक्षों से बात करने के लिए कहा है.

ग्रीस और तुर्की के बीच तनाव कोई नई बात नहीं है. दोनों देशों में भूमध्य सागर इलाके में कब्जे को लेकर पुराने प्रतिद्वंदी हैं. पूर्वी भूमध्यसागरीय में हाइड्रोकार्बन भंडार की खोज के बाद से ग्रीस और तुर्की की ऊर्जा संसाधनों पर अधिकार की लड़ाई और खरतनाक हो गयी है. ग्रीस और यूरोपीय संघ का दावा है कि तुर्की इस क्षेत्र में अवैध रूप से ड्रिलिंग कर रहा है लेकिन तुर्की इसे अपना इलाका बताता रहा है.