जापान के प्रधानमंत्री शिंज़ो आबे का इस्तीफ़ा, ख़राब सेहत बनी वजह

जापान के प्रधानमंत्री शिंज़ो आबे ने ख़राब स्वास्थ्य के चलते अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया है. 65 साल के आबे लंबे समय से पेट से जुड़ी बीमारी अल्सरेटिव कोलाइटिस से जूझ रहे हैं. खबरों के अनुसार आबे नहीं चाहते कि उनकी सेहत के कारण सरकार के कामकाज पर किसी तरह का असर पड़े. शिंज़ो आबे का कार्यकाल सितंबर 2021 में ख़त्म होने वाला था. इसी महीने शिंज़ो आबे जापान के सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहने का कीर्तिमान बना चुके थे.

यह दूसरी बार होगा जह स्वास्थ्य कारणों से आबे को अपना पद छोड़ना पड़ा है. इससे पहले उन्होंने 2007 में एक साल तक ऑफिस में रहने के बाद अपना पद छोड़ा था. अल्सरेटिव कोलाइटिस पेट की एक बीमारी है जिसमें बड़ी आंत में सूजन आ जाती है और अल्सर का कारण बनती है. इस समस्या में रोगी को दस्त यानि बार-बार शौच के लिए जाना पड़ सकता है और शरीर में पानी की कमी हो जाती है, ऐसे में रोगी को ज्यादा से ज्यादा पान पीने और ग्लूकोज पिलाने की सलाह दी जाती है. गंभीर अवस्था में यह बीमारी कैंसर का कारण भी बन सकती है. इस बीमारी का कोई ठोस इलाज़ नहीं है.

कौन हैं शिंजो आबे

शिंजो आबे का जन्म टोक्यो में एक राजनीतिक और आर्थिक रूप से प्रमुख परिवार में हुआ था. उनके दादा, काॅन आबे, और पिता, शिंटारो अबे दोनों ही राजनेता थे, जबकि उनके परदादा सेना में जनरल थे. आबे की मां, योको किशी, नोबुसुके किशी की बेटी हैं, जो 1957 से 1960 तक जापान के प्रधानमंत्री थे.

आबे ने सेइकी एलीमेंट्री स्कूल, सेइकी जूनियर हाई स्कूल और सेइकी सीनियर हाई स्कूल में अपनी स्कूली शिक्षा ली. बाद में उन्होंने पब्लिक एडमिंस्ट्रेशन की पढाई की और 1977 में सेइकी विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातक की उपाधि प्राप्त की. इसके बाद वे अमेरिका चले गए और वहां उन्होंने दक्षिणी कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ पब्लिक पॉलिसी में सार्वजनिक नीति का अध्ययन किया. पढाई पूरी करने के बाद आबे ने कुछ सालों के लिए कोबे स्टील कंपनी में काम किया.

शिंज़ो आबे ने 1982 में कंपनी छोड़ दी और राजनीति में आ गए. वे लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) में शामिल हो गए और उन्होंने विदेश मंत्रालय के कार्यकारी मंत्री, एलडीपी जनरल काउंसिल के चेयरपर्सन के निजी सचिव और एलडीपी महासचिव के निजी सचिव सहित कई सरकारी पदों पर काम किया. 1991 में अपने पिता की निधन के बाद शिंजो आबे यामागुची प्रान्त के पहले जिले से 1993 में अपना पहला चुनाव लड़ा और भारी मतों से यह सीट जीती और हाउस ऑफ रेप्रेसेंटेटिव के लिए चुने गए.

14 जुलाई 2006 को , 52 वर्ष की आयु में शिंज़ो आबे पहली बार देश के प्रधानमंत्री बने. 2012 के आम चुनाव में उन्होंने अपनी पार्टी को भारी बहुमत से जीत दिलवाई, वह 1948 में शेगेरू योशिदा के बाद से कार्यालय में वापस जाने वाले पहले पूर्व प्रधानमंत्री बने. वह 2014 के आम चुनाव में, गठबंधन साथी कोमिटो के साथ अपने दो-तिहाई बहुमत को बरकरार रखते हुए और फिर से निर्वाचित हुए, और फिर 2017 के आम चुनाव में भी दो-तिहाई बहुमत को बरकरार रखा और वापस से निर्वाचित हुए.

आबे ने 1987 में पूर्व रेडियो डिस्क जॉकी आकी मात्सुजाकी से शादी की है और इस दम्पति की कोई संतान नहीं है.