स्वीडन में दक्षिणपंथियों द्वारा क़ुरान जलाने के बाद हिंसा भड़की
स्वीडन में कुछ दक्षिणपंथी लोगों द्वारा क़ुरान की एक प्रति जलाने के बाद हिंसा भड़क उठी है. मीडिया रिपोर्टों के अनुसार स्वीडन की दक्षिणपंथी पार्टी स्ट्रैम कुर्स ने स्वीडन के माल्मों शहर में ‘नॉर्डिक देशों में इस्लामीकरण’ विषय पर गुरुवार को एक सेमिनार आयोजित किया था जिसमें धुर दक्षिणपंथी नेता रैसमस पालुदन को हिस्सा लेना था. पालुदन के मुस्लिम विरोधी बयानों को देखते हुए पुलिस ने उन्हें शहर में घुसने से पहले ही गिरफ़्तार कर लिया था. इसके अगले ही दिन उनके समर्थकों ने माल्मों शहर के एक चौराहे पर क़ुरान की प्रति जला दी.
कुछ ही घण्टों में इस घटना के विरोध में तीन सौ से भी अधिक लोग इस इलाक़े में जमा हो गए और उन्होंने पुलिस पर पथराव किया. इन विरोध प्रदर्शनों के दौरान प्रदर्शनकारियों ने गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया और दुकानों में तोड़फोड़ की. हिंसक भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में भी लिया.

पुलिस ने कहा कि अभी तक दंगा पर काबू नहीं पाया गया है और हम इस पर नियंत्रण पाने के लिए लगातार कोशिश कर रहे हैं.
रैसमस पालुदन स्वीडन की राष्ट्रवादी पार्टी स्ट्रैम कुर्स के शीर्ष नेता हैं. पेशे से वकील पालुदन ने 2017 में अति राष्ट्रवादी पार्टी स्ट्रैम कुर्स की स्थापना की थी. तब से मुस्लिमों और मुस्लिम शरणार्थियों को अपने बयानों और सेमिनारों में निशाना बनाते आए हैं. 2019 में उन्हें नस्लवादी भाषण देने के लिए 14 दिन सशर्त कारावास की सजा सुनाई गई थी. इसी साल जून में उन्हें नस्लवाद और मानहानि के मामले में दो माह की सज़ा सुनाई गई थी.
पिछले कुछ समय से नॉर्डिक देशों (स्वीडन, डेनमार्क, फ़िनलैंड, नार्वे, आइसलैंड) में मुस्लिम शरणार्थियों को लेकर विवाद बढ़ गया है. मुस्लिम देशों जैसे सीरिया और इराक़ में चल रही हिंसा के चलते कई मुसलमानों ने इन देशों में शरण ली है. वहां के स्थायी निवासियों का आरोप है कि इससे सामाजिक सौहार्द बिगड़ा है. कई स्थायी निवासियों का मानना है कि उनके समाज को तेज़ी से मुस्लिम बहुल बनाया जा रहा है.