पैंगोंग झील पर सामने सामने चीन और भारत, चीन पर यथास्थिति बदलने का आरोप

भारत और चीन के जवानों के बीच लद्दाख़ सीमा पर पैंगोंग झील के पास हुई झड़प ने एक बार फिर दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा दिया है. यह वही झील है जो फ़िल्म थ्री इडिएट में दिखायी गई थी. इससे पहले सोमवार को दिन में भारतीय सेना ने बताया कि चीन की सेना ने 29 और 30 अगस्त की रात पैंगोंग के दक्षिणी तट पर यथास्थिति बदलने के लिए ‘उकसावेपूर्ण सैन्य गतिविधि’ की, लेकिन भारतीय सैनिकों ने उनकी कोशिश को नाकाम कर दिया.

हालांकि, चीनी विदेश मंत्रालय की ओर से एक बयान जारी कर इस तरह की किसी घुसपैठ से इनकार किया गया है. चीन के विदेशमंत्री जो फ़िलहाल यूरोप के दौरे पर हैं, ने फ़्रांस में पत्रकारों से कहा कि चीन सीमा पर यथास्थिति बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है. वहीं चीन के प्रमुख समाचार पत्र ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि भारत अपनी गिरती अर्थव्यवस्था और जीडीपी से जनता का ध्यान भटकाने के लिए सीमा पर ऐसी हरकतें कर रहा है.

इससे पहले भारत और चीन के जवान 15 जून को आमने-सामने आए थे. ये घटना भी लद्दाख बॉर्डर के पास ही गलवान घाटी में हुई थी, जहां पर भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे. चीनी सेना को भी इस झड़प में नुकसान हुआ था, लेकिन उनकी ओर से कोई जानकारी नहीं दी गई.

पैंगोंग झील

लद्दाखी भाषा में पैंगोंग का अर्थ है समीपता और तिब्बती भाषा में त्सो का अर्थ है झील इसलिए इसे अक्सर पैंगोंग त्सो भी कहा जाता है. सन् 1684 में लद्दाख तथा तिब्बत के बीच तिंगमोसमांग की संधि हुई थी जिसके अनुसार यह झील लद्दाख तथा तिब्बत के बीच सीमा रेखा का कार्य करती थी. तब इस झील को दो देशों के बीच सीमा के रूप में स्वीकार किया गया था. पौराणिक हिंदू मान्यताओं के अनुसार, यह झील यक्ष राज कुबेर का मुख्य स्थान है.

इस झील का पानी इतना खारा है कि इसमें मछली या फिर अन्य कोई जलीय जीवन नहीं है. इस झील का औसत तापमान माइनस 18 डिग्री से माइनस 40 डिग्री के बीच बना रहता है.

सामरिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण पैंगोंग झील 1962 के बाद से ही दोनों देशों के बीच तनाव की वजह से चर्च में रहती है. 134 किलोमीटर लंबी यह झील 604 वर्ग किलोमीटर के दायर में फैली हुई है. इसका पूर्वी हिस्सा तिब्बत तक फैला है. इस झील का एक तिहाई हिस्सा भारत के पास है और शेष चीन के. साल 1962 की लड़ाई में चीन ने यहीं से भारत पर पहला हमला किया था. साल 2017 में एक वीडियो ऑनलाइन पोस्ट हुआ था जिसमें पैंगोंग झील के पास भारतीय और चीनी सैनिकों की हाथापाई दिख रही थी.

चीन ने इस झील के अपने हिस्सों के किनारों में सड़क का निर्माण किया है और कई आधुनिक नौकाएँ भी ख़रीदी हैं.