भारत चीन सीमा विवाद पर क्या कहते हैं चीन के चीन के अख़बार

चीन और भारत के बीच हो रहे सीमा विवाद को लेकर दोनों देशों में चर्चा हो रही है. जहाँ एक ओर भारतीय सेना ने कहा है कि चीन ने पैंगोंग झील के पास उकसाने वाली कार्यवाही की है वहीँ चीन ने इसका खंडन किया है. देखते हैं कि चीन के अख़बारों ने इस खबर पर क्या राय रखी है.

चीन के सरकारी समाचार पत्र “चायना डेली” ने अपने सम्पदकीय में लिखा है कि भारत ने पैंगोंग झील के इलाके में “उकसावे वाली कार्यवाही” की है. अखबार आगे लिखता है कि “जो बात बुरी है, वह यह कि भारत ने चीन पर भड़काऊ सैन्य कार्रवाई करने का आरोप लगाया है. चीन के नियंत्रण वाले क्षेत्रों में बार-बार घुसपैठ करके भारत क्या हासिल करना चाहता है” . हाल के दिनों में दोनों देशों के बीच सीमा विवाद ने हिंसक और गंभीर रूप ले लिया है. इससे पहले भारत और चीन के जवान 15 जून को आमने-सामने आए थे. ये घटना भी लद्दाख बॉर्डर के पास ही गलवान घाटी में हुई थी, जहां पर भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे. चीनी सेना को भी इस झड़प में नुकसान हुआ था, लेकिन उनकी ओर से कोई जानकारी नहीं दी गई.

चायना डेली ने अपने सम्पादकीय में लिखा है – “भारतीय सेना और सरकार दोनों को अब तक यह पता होना चाहिए कि उन्हें उस क्षेत्र का एक इंच हिस्सा कभी नहीं मिलेगा जिसके वे हकदार नहीं हैं. चीन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए उन्हें चीनी सैनिकों के दृढ़ संकल्प को कभी कम नहीं आंकना चाहिए”. पत्र के अनुसार
चीन ने दोहराया है कि दोनों पक्षों को वास्तविक नियंत्रण रेखा का सम्मान करना चाहिए और बातचीत के माध्यम से अपने सीमा विवाद को हल करना चाहिए. चीन ने यह भी स्पष्ट किया है कि दोनों देशों के बीच अन्य क्षेत्रों में रिश्तों पर सीमा विवाद का नकारात्मक प्रभाव नहीं होना चाहिए.

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वहीँ एक अन्य प्रमुख चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने अपने सम्पादकीय में लिखा है कि भारत की कार्रवाइयों ने चीन और भारत के बीच रणनीतिक अविश्वास को गंभीर रूप से बढ़ा दिया है और दोनों देशों के बीच का सीमा विवाद अन्य क्षेत्रों में क्षति पहुंचा रहा है. पत्र लिखता है कि “भारत का रक्षा बजट साल 2019 में 71.1 बिलियन था जो विश्व में तीसरा सबसे बड़ा बजट था – लेकिन भारत इसका एक बड़ा हिस्सा अपने पड़ोसियों के साथ बेकार के विवादों में खर्च कर रहा है. अमेरिका जैसे देश वास्तव में कभी भी भारत को हाथ नहीं देंगे, बल्कि इस दक्षिण एशियाई दिग्गज का फायदा उठाएंगे”.

चीन के एक और अख़बार पीपल्स डेली की राय भी अलग नहीं है. अख़बार लिखता है भारत घरेलू मुद्दों पर घिरा है – कोरोना के बढ़ते मामलों और गिरती जीडीपी से जनता का ध्यान भटकने के लिए भारत सीमा पर विवाद को बढ़ावा दे रहा है. लेकिन यह बताना होगा कि नई दिल्ली शक्तिशाली चीन का सामना कर रही है और पीएलए के पास देश के हर इंच की सुरक्षा के लिए पर्याप्त बल है.