चीन और भारत के रक्षा मंत्रियों की रूस में बैठक

सीमा पर जारी तनाव के बीच भारत और चीन के रक्षा मंत्रियों की मास्को,रूस में एक बैठक हुई है. भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह में रक्षा मंत्रियों के शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सम्मलेन में भाग लेने मास्को पहुंचे थे. इसी मौके पर उन्होंने अपने चीनी समकक्ष जनरल वेई फ़ेंगहे से मुलाकात की है. पिछले कुछ दिनों से दोनों देशों के बीच जारी सीमा विवाद और सैन्य झड़पों के बाद इस बैठक को अहम माना जा रहा है. भारत और चीन दोनों शंघाई सहयोग संगठन या एससीओ के सदस्य हैं, जो आठ देशों का क्षेत्रीय समूह है जो मुख्य रूप से सुरक्षा और रक्षा मुद्दों पर केंद्रित है.

मई की शुरुआत में पूर्वी लद्दाख में सीमा रेखा बढ़ने के बाद दोनों पक्षों के बीच यह पहली उच्च स्तरीय बैठक है. इस हफ्ते भारतीय सेना ने बताया था कि चीन की सेना ने 29 और 30 अगस्त की रात पैंगोंग के दक्षिणी तट पर यथास्थिति बदलने के लिए ‘उकसावेपूर्ण सैन्य गतिविधि’ की, लेकिन भारतीय सैनिकों ने उनकी कोशिश को नाकाम कर दिया. भारत ने अब इस क्षेत्र में कई सामरिक ऊंचाइयों को नियंत्रित कर लिया है. भारत के अनुसार चीन के द्वारा यह प्रयास तब भी किए गए थे जब दोनों राष्ट्र सीमा रेखा को हल करने के लिए कूटनीतिक और सैन्य वार्ता में लगे हुए थे.

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इससे पहले भारत और चीन के जवान 15 जून को आमने-सामने आए थे. ये घटना भी लद्दाख बॉर्डर के पास ही गलवान घाटी में हुई थी, जहां पर भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे. चीनी सेना को भी इस झड़प में नुकसान हुआ था, लेकिन उनकी ओर से कोई जानकारी नहीं दी गई.

चीन की मीडिया में कहा गया था कि चीन ने दोहराया है कि दोनों पक्षों को वास्तविक नियंत्रण रेखा का सम्मान करना चाहिए और बातचीत के माध्यम से अपने सीमा विवाद को हल करना चाहिए. चीन ने यह भी स्पष्ट किया है कि दोनों देशों के बीच अन्य क्षेत्रों में रिश्तों पर सीमा विवाद का नकारात्मक प्रभाव नहीं होना चाहिए.