अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित

अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया गया है. नॉर्वे के एक दक्षिणपंथी सांसद क्रिस्टियान टिबरिंग ग्येद्दे ने यह नामांकन भेजा है. राष्ट्रपति ट्रंप को इज़राइल-संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) शांति समझौते में उनकी भूमिका के लिए, ट्रम्प को नामित किया गया है. ट्रम्प ने इस साल अगस्त में इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, अबू धाबी के क्राउन प्रिंस और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के डिप्टी सुप्रीम कमांडर शेख मोहम्मद बिन जायद नाहयान की उपस्थिति में इजरायल और UAE के बीच राजनयिक सम्बन्ध शुरु करने के समझौते में मध्यस्थता की है. इसके बाद खाड़ी देशों में UAE ऐसा करने वाला पहला देश बन गया है. इसी के साथ UAE ने इज़रायल को मान्यता भी दे दी है अभी तक मिस्र और जार्डन को छोड़ कर अरब देशों ने इज़रायल को मान्यता नहीं दी थी.

इस समझौते के बाद खाड़ी में शांति की एक नयी उम्मीद जगी है. हालाँकि ईरान और तुर्की ने इस समझौते पर गहरी नाराजगी जाहिर की. दोनों देशों ने यूएई पर फलस्तीन से वादाखिलाफी करने का आरोप लगाया है. यूएई ने कहा कि इस समझौते से इजराइल की उस योजना पर लगाम लगी है जिसके तहत वह पश्चिमी तट के कब्जे वाले इलाकों पर अधिकार करना चाहता था.

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हालाँकि नॉर्वे के सांसद क्रिस्टियान टिबरिंग ग्येद्दे ने इससे पहले भी ट्रम्प को शांति के के नोबेल के लिए नामित किया है. इन्होने साल 2018 में ट्रम्प को उत्तर और दक्षिण कोरिया के बीच सुलह के प्रयासों को लेकर नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया था पर यह पुरस्कार इथियोपिया के प्रधानमंत्री आबी अहमद को मिला था. उन्हें पड़ोसी देश इरिट्रिया के साथ शांति के प्रयासों के लिए नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. तब ट्रम्प ने उन्हें बधाई देने से भी इंकार कर दिया और कहा कि दोनों अफ्रीकी देशों के बीच शांति स्थापित करने का असली श्रेय उन्हें जाता है.

नार्वे में कोई भी सांसद किसी को नोबेल शांति पुरस्कार के लिये नामित कर सकता है. नोबेल शांति पुरस्कार के लिए उम्मीदवारों के नाम पर विचार और उन्हें पुरस्कार देने की प्रक्रिया नॉर्वे में पूरी होती है. ट्रम्प से पहले अमेरिका के राष्ट्रपति रहे बराक ओबामा को 2009 में इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. पुरस्कार पाने वाले हर व्यक्ति को करीब साढ़े चार करोड़ रुपये की राशि मिलती है. साथ ही 23 कैरेट सोने से बना 200 ग्राम का पदक और प्रशस्ति पत्र भी दिया जाता है.