अमेरिका ने चीन के शिनजियांग से निर्यात पर लगाया प्रतिबन्ध, उईघर लोगों के दमन का आरोप

अमेरिका ने चीन के शिनजियांग प्रान्त से निर्यात होने वाले सामानों पर प्रतिबन्ध लगाने की बात कही है. अमेरिका ने कहा है कि इस क्षेत्र में जबरन मज़दूरी कराई जा रही है और श्रम कानूनों का उल्लंघन किया जा रहा है. प्रस्तावित प्रतिबंधों में कपास और टमाटर शामिल हैं जो चीन के प्रमुख कमोडिटी निर्यात उत्पादों में से हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प चीन के शिनजियांग प्रान्त में उईघर मुस्लिमों की स्थिति पर चीन को निशाना बनाते रहे हैं. अमेरिका का आरोप है कि चीन उईघर के मुसलमानों का दमन कर रहा है जबकि चीन हमेशा से ही इस आरोप का मज़बूती के साथ खंडन करता रहा है.

इन प्रतिबंधों का अमेरिका के कपड़ा उद्योग पर व्यापक प्रभाव हो सकता है, जो चीनी कपास पर बहुत निर्भर करता है. चीन दुनिया का लगभग 20% कपास पैदा करता है, जिसमें से अधिकांश शिनजियांग से आता है. यह क्षेत्र पेट्रोकेमिकल्स और अन्य वस्तुओं का एक प्रमुख स्रोत है जो चीनी कारखानों में इस्तेमाल होता है. सेंटर फॉर स्ट्रेटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज द्वारा पिछले अक्टूबर में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, शिनजियांग चीन के कपास का 80% से अधिक उत्पादन करता है और अमेरिका अपने टेक्सटाइल उद्योग का लगभग 30% चीन से आयात करता है.

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शिनजियांग चीन के उत्तर-पश्चिम में स्थित चीनी सरकार द्वारा घोषित एक स्वायत्त क्षेत्र है. शिनजियांग 1.6 मिलियन वर्ग किमी (640,000 वर्ग मील) में फैला है. ये एक रेगिस्तानी और शुष्क इलाक़ा है इसलिए इस की आबादी बहुत कम है. इस प्रांत की सीमा मंगोलिया और रूस सहित आठ देशों के साथ मिलती है. यहाँ तुर्की मूल के लोग रहते हैं जो उईघर कहलाते हैं जो तक़रीबन सभी मुसलमान हैं. उईघर लोग उईघर भाषा बोलते हैं जो तुर्की भाषा परिवार की एक बोली है. शिनजियांग साल 1949 से पहले तुर्किस्तान का पूर्वी हिस्सा था, साल 1949 में इसे एक अलग राष्ट्र के रूप में मान्यता प्रदान की गई थी, लेकिन यह स्थिति ज्यादा दिनों तक नहीं रही और उसी साल चीन ने इस इलाके पर अधिकार कर लिया. शिनजियांग प्रांत में रहने वाले उईघर मुस्लिम ‘ईस्ट तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट’ चला रहे हैं जिसका मकसद चीन से अलग होना है. गौरतलब है कि साल 1990 में जब तत्कालीन सोवियत संघ का पतन हुआ तब इस क्षेत्र के लोगों ने खुद को आजाद कराने के लिए काफी प्रयास किए लेकिन चीन ने विरोध को दबा दिया.

पिछले कई सालों से चीन यहाँ पर हान चीनियों की आबादी बढ़ा रहा है. यहाँ सभी बड़े पदों पर हान चीनी लोग हैं. उईघर लोगों का कहना है कि चीन की वामपंथी सरकार हान चीनियों को शिनजियांग में इसीलिए भेज रही है ताकि उइगरों के आंदोलन ‘ईस्ट तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट’ को दबाया जा सके, वहीं चीन का कहना है कि वो इस्लामी आतंकवाद के विरुद्ध कार्यवाही कर रही है.

चीन पर आरोप लगते रहे हैं कि चीन की सरकार द्वारा उईघर मुस्लिमों पर कई तरह की पाबंदियां भी लगाई गई हैं. आरोप है कि दस लाख से ज्यादा उइगरों को हिरासत केंद्रों में रखा गया है लेकिन चीन का कहना है कि यह हिरासत केंद्र नहीं हैं बल्कि व्यवसायिक ट्रेनिंग केंद्र हैं. आरोप है अधिकारियों ने “पवित्र दाढ़ी”, बच्चों के लिए धार्मिक नाम और रमजान के मुस्लिम पवित्र महीने के दौरान पारंपरिक दिन-समय उपवास का पालन करने पर भी प्रतिबंध लगा दिया है. समय समय पर यहाँ पर सरकार के विरुद्ध विरोध के स्वर उठते रहे हैं. चीन का आरोप है कि विरोध के नाम पर इस इलाके में इस्लामिक आतंकवाद और अलगावाद को बढ़ावा दिया जा रहा है.