युद्ध के मुहाने पर ग्रीस और तुर्की, फ़्रांस ने ग्रीस के समर्थन में उतारी नौसेना

ग्रीस और तुर्की के बीच युद्ध के हालात पैदा हो गए हैं. ताज़ा संकट क्रीट और साइप्रस के पास विवादित जलक्षेत्र में तेल और गैस भंडारों के मिलने के बाद शुरू हुआ है. तुर्की ने इस स्थान पर तेल और गैस के भंडार मिलने का दावा किया है.ग्रीस का दावा है कि यह ग्रीस का इलाक़ा है और तुर्की इस क्षेत्र में अवैध रूप से ड्रिलिंग कर रहा है लेकिन तुर्की इसे अपना इलाका बताता रहा है. वहीं, साइप्रस ने भी तुर्की पर अपने जल क्षेत्र में ड्रिलिंग करके उसकी संप्रभुता को भंग करने का आरोप लगाया है.

सभी पक्षों ने क्षेत्र में अपने दावों को साबित करने के लिए नौसेना और वायु सेना को तैनात कर दिया है. इस बीच यूरोपीय यूनियन ने भी ग्रीस के पक्ष में लामबंदी शुरू कर दी है. उधर फ्रांस ने ग्रीस की हर संभव सैन्य सहायता करने का ऐलान किया है. इससे पहले तुर्की के राष्ट्रपति रेचप तैयब अर्दोआन ने ग्रीस को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर हमारे जहाज पर हमला बोला गया तो इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी.

तुर्की के ख़िलाफ़ फ्रांस ने ग्रीस को सैन्य मदद देना शुरू कर दिया है. फ़्रांस ने कहा है कि वह ग्रीस को18 राफेल फाइटर जेट देगा. साथ ही विवादित क्षेत्र के पास फ्रांस ने भी अपनी नौसेना को तैनात कर दिया है. वहीं UAE ने भी ग्रीस का साथ देने के लिए 4 एफ-16 फाइटर जेट ग्रीस भेजे हैं. कुछ वक्त पहले ही UAE और ग्रीस के सैन्य और सरकारी अधिकारियों के बीच बात हुई थी. उल्लेखनीय है कि UAE और तुर्की के बीच भी रिश्ते ठीक नहीं हैं. तुर्की ने पिछले दिनों UAE और इज़रायल के बीच हुई दोस्ती की खुल कर आलोचना की थी.

तुर्की और ग्रीस दोनों 1952 से नाटो के सदस्य हैं लेकिन दोनों देशों के बीच तनातनी का लंबा इतिहास रहा है. पिछले कुछ समय से तुर्की के रिश्ते उसके आस पास के देशों के साथ ख़राब होते जा रहे हैं.