फ़्रांस में आतंकवादी घटना , चाकू मारकर लोग घायल , आरोपी पाकिस्तानी युवक गिरफ्तार

फ़्रांस में चाकूबाजी की एक घटना में पाकिस्तानी मूल के एक युवक को गिरफ्तार किया गया है. हमलावर ने शुक्रवार को पेरिस में विवादित शार्ली एब्डो पत्रिका के पुराने आफिस के बाहर चाकू मारकर दो लोगों को घायल कर दिया. इनमें एक महिला है और एक पुरुष जो एक टी वी प्रोडक्शन कंपनी के लिए काम करते हैं, दोनों फिलहाल खतरे से बाहर हैं. फ्रांस के गृह मंत्री जेराल्ड डेरमानिन ने चाकू से हमले को “साफ़ तौर पर इस्लामिक आतंकवाद की घटना” बताया है. शार्ली एब्डो पत्रिका पैगम्बर मुहम्मद के विवादित कार्टून छापने पर विवादों में रही है और पिछले वर्षों में कई बार इस पर इस्लामिक आतंकवादियों ने हमले किये हैं.

शार्ली एब्डो ने अपने ट्वीट में छुरा घोंपने की कड़ी निंदा की है. गृह मंत्री जेराल्ड डेरमानिन ने बताया है हमलावर पाकिस्तानी मूल का है जो तीन साल पहले ही फ़्रांस आया था. जब वह फ़्रांस आया था तब वह एक नाबालिग था. इस हमलावर को एक महीने पहले एक पेचकस ले कर घूमने के लिए गिरफ्तार किया गया था, लेकिन वह पुलिस के रडार पर नहीं था. इस पाकिस्तानी हमलावर का कोई पुराना आपराधिक रिकार्ड भी नहीं है.

उल्लेखनीय है कि 7 जनवरी 2015 को सैड और चेरिफ़ कोची नाम के भाइयों ने शार्ली एब्डो के दफ़्तर में घुस कर गोलीबारी की थी जिसमें शार्ली एब्डो के कर्मचारियों समेत 12 लोग मारे गए थे. मरने वालों में दो पुलिसकर्मी भी थे. हमलावर पैगम्बर मुहम्मद के विवादित कार्टून छापने का विरोध कर रहे थे. इस हमले के बाद से शार्ली एब्डो एक गुप्त दफ्तर से अपना कामकाज कर रही है.

इसी साल सितम्बर के पहले हफ्ते में इस मामले में मुक़दमे की कार्यवाही शुरू हुई है और इसीलिए पत्रिका की टीम ने फ़्री स्पीच के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दर्शाने के लिए इन कार्टूनों को दोबारा प्रकाशित किया था. इसके बाद से सबसे ज्यादापाकिस्तान में पत्रिका के विरोध में हिंसक विरोध शुरू हो गए थे. यहां उग्र इस्लामिक संगठनों ने सड़कों पर प्रदर्शन किए और फ्रांसिसि राजदूत मार्क बैरेटी को निष्कासित करने और फ्रांस के साथ राजनयिक संबंधों को ख़त्म करने तक की मांग कर डाली. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने फ्रांस के झंडे भी जलाए और इसके अलावा पार्टी द्वारा एक सोशल मीडिया कैंपेन भी चलाया गया.

शार्ली एब्डो अलग अलग धर्मों और राजनीति के नेताओं का कार्टून बनाने को अभिव्यक्ति की आजादी मानता है और अक्सर पत्रिका में इन कार्टूनों को छापा जाता है. इन्होंने साल 2006 में पैग़म्बर मुहम्मद का कार्टून छापा था. हालाँकि यह कार्टून सबसे पहले डेनमार्क के अखबार जेलैंड्स पोस्ट में प्रकाशित हुआ था जिसे शार्ली एब्डो ने दोबारा प्रकाशित किया था. इसके कार्यालयों पर नवंबर 2011 में गोलीबारी हुई थी और बम फेंके गए थे.

साल 2015 में इनके दफ़्तर में दोबारा हमला हुआ था जिसमें 12 लोग मारे गए. मरने वालों में पत्रिका के कई प्रसिद्ध कार्टूनिस्ट भी थे. हालांकि इस हमले के बाद भी पत्रिका के स्टाफ हौंसला नहीं टूटा और अगले एडिशन में उन्होंने फिर से कवर पेज पर पैगंबर का कार्टून छापा था. हमलों के बाद विश्व भर में हज़ारों लोग शार्ली एब्डो के समर्थन में सड़कों पर उतर आए थे और #JeSuisCharlie (फ़्रेंच में जिसका अर्थ मैं चार्ली हूं) हैशटैग पूरी दुनिया में छा गया था