नेपाली राजदूत ने भारत के ख़िलाफ़ चीन में दिया इंटरव्यू, कहा भारत ने किया नेपाल की ज़मीन पर क़ब्ज़ा
चीन में नेपाल के राजदूत महेंद्र बहादुर पाण्डे ने भारत की मीडिया पर नेपाल और चीन को लेकर फ़र्ज़ी खबरें फैलाने का आरोप लगाया है. उन्होंने भारत पर नेपाल की ज़मीन पर क़ब्ज़ा करने के भी आरोप लगाए हैं. चीन के सरकारी मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स को दिए गए एक इंटरव्यू में ये बातें कही हैं.
इस इंटेरव्यू में जब चीनी पत्रकार ने उनसे पूछा कि “कुछ विदेशी मीडिया संस्थान विशेषकर भारतीय मीडिया का यह आरोप है कि नेपाल और चीन की नज़दीकी से क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए चिंता पैदा हो गई है “ तो नेपाली राजदूत ने कहा कि “भारतीय मीडिया ऐसा डर की वजह से कर रहा है. नेपाल हमेशा ही स्वतंत्र और संप्रभु देश रहा है जबकि भारत ब्रिटेन का उपनिवेश था. नेपाल का किसी भी शक्ति के प्रति झुकाव नहीं रहा है.”

उन्होंने आगे कहा कि “भारतीय मीडिया पक्षपाती हो सकता है या फिर उन्हें किसी ने गुमराह किया है. इसलिए उन्होंने तरह तरह की फर्जी खबरों का प्रसार किया. लेकिन यह वास्तविक नहीं है. चीन और नेपाल के बीच सहयोग स्वाभाविक और मैत्रीपूर्ण है.”
एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने भारत पर नेपाल की ज़मीन हड़पने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा “भारत ने हमारी कुछ भूमि पर कब्जा कर लिया है. 1962 में, जब चीन और भारत के बीच युद्ध हुआ था और उस समय भारत हार गया था, तब भारतीय सेना के कुछ जवान हमारी जमीन पर अस्थायी रूप से रुक गए थे. लेकिन बाद में, उन्होंने दावा किया कि यह ज़मीन उनकी थी.”
पाण्डे ने तिब्बत के मुद्दे पर भी भारत को घेरने की कोशिश की. जब उनसे तिब्बत और नेपाल के सम्बन्धों पर पूछा गया तो उनका जवाब था कि “तिब्बत चीन का हिस्सा है. तिब्बत और नेपाल जुड़े हुए हैं. हम दोनों के बीच एक लंबी सीमा है. हम मजबूती से एक-चीन नीति के साथ खड़े हैं. कोई फर्क नहीं पड़ता कि यह मकाऊ या हांगकांग या ताइवान, या तिब्बत है, चीन का हर हिस्सा चीन है; हम इस एक-चीन नीति के लिए मजबूती से खड़े हैं. कुछ लोग जो तिब्बत छोड़ चुके हैं और भारत में रहते हैं, उनमें से कुछ लोग भारत और नेपाल के बीच खुली सीमा का फायदा उठाकर घुस जाते हैं. वे हमारे सबंधों को खराब करना चाहते हैं.”
इस इंटरव्यू के बाद पाण्डे ख़ुद अपने ही देश में घिर गए हैं. नेपाली विश्लेषकों और समीक्षकों ने भारत पर आरोप लगाने की कड़ी आलोचना की है. नेपाली विश्लेषकों ने पाण्डे पर आरोप लगाया है कि वे अपने पद के अनुरूप व्यवहार नहीं कर रहे हैं.