सूडान में सरकार और विद्रोही गुटों के बीच समझौता, क्या है पूरा विवाद
सूडान की सरकार और देश के कई विद्रोही समूहों ने सालों से चले आ रहे गृह युद्ध को समाप्त करने के लिए एक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं. इस गृह युद्ध में पिछले कई सालों में हज़ारों लोग मारे गए हैं और लाखों विस्थापित हो गए हैं. इस शांति समझौते में सरकार और सूडानी रिवोल्यूशनरी फ्रंट (SRF) नाम के सशस्त्र विद्रोही गुटों के गठबंधन ने हस्ताक्षर किये हैं. हालाँकि यह शांति स्थापित होने में अभी भी चुनौतियां हैं क्योंकि दो ताकतवर विद्रोही गुटों सूडान पीपुल्स लिबरेशन मूवमेंट-नॉर्थ (SPLM-N) और सूडान लिबरेशन मूवमेंट (SLM) ने इस समझौते से अपने को अलग रखा है.
समाचार चैनल अल जज़ीरा ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि जब तक ये दो गुट भी समझौते के लिए राज़ी नहीं हो जाते सूडान में पूर्ण शांति नहीं आ सकती है. रिपोर्ट के मुताबिक इस डील के तहत विद्रोही गुटों को सैन्य और सुरक्षा बलों में शामिल करने, राजनैतिक प्रतिनिधित्व देने, भूमि और अन्य आर्थिक अधिकार देने जैसे प्रस्ताव शामिल हैं. इसके अलावा दक्षिणी और पश्चिमी सूडान के विकास के लिए $750 मिलियन डालर का एक फंड बनाने, और विस्थापितों को वापस लाने की भी बात कही गई है.

पिछले दिनों अफ्रीका के सबसे हिंसाग्रस्त देशों में शुमार सूडान ने आखिरकार साल भर चले आंदोलन के बाद 30 साल पुराने इस्लामी शासन को खत्म कर दिया है. सूडान की सरकार ने अब शासन से धर्म को अलग करने का फैसला भी किया है.
क्या है विवाद
ब्रिटेन से 1956 में स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद सूडान को 17 साल तक चले लंबे गृह युद्ध का सामना करना पड़ा. सूडान के उत्तर में मुस्लिम लोग अधिक हैं जबकि दक्षिण में ईसाई लोगों की अधिकता है. गृह युद्ध के समाप्त होने के बाद इन दोनों धड़ो के बीच बीच जातीय, धार्मिक और आर्थिक युद्ध छिड़ गया और नतीजा ये हुआ कि साल 1983 में इन दोनों के बीच गृह युद्ध शुरू हो गया.
इसी आंतरिक अशांति के बीच साल में 1989 में कर्नल उमर अल बशीर ने सूडान की सत्ता पर कब्जा कर लिया था. उसने देश की शासन में इस्लामी कानून को शामिल कर लिया और देश के कई हिस्सों में कठोर शरिया कानून लागू कर दिया गया. जिसके बाद सूडान के कई गैर मुसलमान गुट और कबीले सरकार के खिलाफ हो गए थे और अंतराष्ट्रीय बिरादरी ने भी सूडान से सम्बन्ध तोड़ लिए थे. इसके बाद संघर्ष और तेज़ हो गया. उत्तर की मुस्लिम बहुल आबादी और दक्षिण की ईसाई बहुल आबादी के बीच कई दशकों तक चले संघर्ष में 20 लाख लोगों की मौत हुई. राष्ट्रपति बशीर पर जनसंहार का आरोप लगा और यही नहीं उनके खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अपराध अदालत ने गिरफ्तारी का वारंट भी जारी किया.
साल 2005 ने संयुक्त राष्ट्र ने एक शांति प्रस्ताव प्रस्तुत किये जिसमे सूडान को दो हिस्सों – उत्तरी और दक्षिणी सूडान बनाने की बात कही गई. सूडान ने यह प्रस्ताव मान लिया और साल 2011 में हुए एक जनमत संग्रह के बाद सूडान दो हिस्सों में बाँट दिया गया. लेकिन इसके बाद दक्षिण सूडान में भी तख्ता पलट और सत्ता संघर्ष जैसी घटनाएं शुरू हो गईं. और गृह युद्ध में सक्रीय रहे कई गुटों के बीच आपस में और सरकार के साथ भी संघर्ष होते रहे हैं.