आर्मेनिया अज़रबैजान की जंग पहुँची दूसरे हफ़्ते में, एक दूसरे के आम नागरिकों पर हमले का आरोप
आर्मेनिया और अज़रबैजान के बीच लड़ाई अपने दूसरे हफ़्ते में पहुँच गई है और दोनों ओर से जानमाल के बड़े नुक़सान की खबरें आ रही हैं. दोनों देशों ने एक दूसरे पर उनके नागरिक इलाक़ों में हमला करने का भी आरोप लगाया है. आर्मेनिया की सरकारी समाचार एजेंसी ने कुछ वीडियो फ़ुटेज जारी किए हैं जिनमें एक आर्मेनियाई शहर स्टेपनकेर्त पर अज़रबैजानी सैनिक तोपों से हमले करते हुए दिख रहे हैं. इस वीडियो में ध्वस्त इमारतों और गलियों को देखा जा सकता है.
वहीं अज़रबैजान के रक्षा मंत्रालय का कहना है कि आर्मेनिया ने उनके तीन बड़े शहरों बेलगान, बरदा और तर्तर पर सैनिक हमले किए हैं. इससे पहले अजरबैजान के अधिकारियों ने रविवार को कहा कि आर्मीनिया के बलों ने देश के दूसरे सबसे बड़े शहर गांजा पर हमला किया है. लेकिन नागोरनो-काराबाख के नेता अरायिक हारुतयुन्यान ने फेसबुक पर इस बात की पुष्टि की कि उन्होंने गांजा में सैन्य ठिकानों को नेस्तानाबूद करने के लिए रॉकेट से हमलों का आदेश दिया था.

अभी तक इस युद्ध में आर्मेनिया ने दावा किया है कि उसके 200 लोग मारे गए हैं वहीं अज़रबैजान ने कहा है कि उसके 19 लोग मारे गए हैं और 60 घायल हुए हैं.
इससे पहले अजरबैजान के राष्ट्रपति ने शनिवार को कहा कि उनकी सेनाओं ने एक शहर और कई गांवों पर कब्जा कर लिया है जबकि आर्मीनियाई अधिकारियों ने कहा कि उनकी सेना ने विरोधी पक्ष को भारी नुकसान पहुंचाया है.
आर्मीनिया और अज़रबैजान दोनों ही पक्ष युद्धविराम की बात पर किसी की नहीं सुन रहे और पिछले कुछ दिनों से ये लड़ाई और गंभीर होती जा रही है. दोनों ही पक्ष अपनी जीत का दावा कर रहे हैं. रूस, ईरान, अमरीका और फ्रांस मध्यस्थता करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन कोई राजनीतिक हल अब तक नहीं निकल पाया है. इन देशों ने लड़ाई को तुरंत रोकने की बात कही है. वहीं तुर्की और पाकिस्तान जैसे देश अज़रबैजान को सैनिक और कूटनीतिक समर्थन दे रहे हैं.