यमन सरकार और हूती विद्रोहियों ने की युद्धबंदियों की अदला बदली

यमन में सरकार और हूती विद्रोहियों ने 1000 युद्ध बंदियों की अदला बदली की है. यहाँ लम्बे समय से सऊदी अरब समर्थित सरकार और हूती विद्रोहियों के बीच सशस्त्र संघर्ष चल रहा है. दोनों के बीच पिछले माह स्विटजेरलैंड में इस सम्बंध में एक समझौता हुआ थी जिसमें 1081 युद्धबंदियों की अदला बदली पर सहमति हुई थी. इस समझौते के बाद इस क्षेत्र में अशांति में कमी आने की उम्मीद जताई जा रही है. यमन में सऊदी अरब के नेतृत्व वाली गठबंधन सेना यमन के राष्ट्रपति अबेदरब्बो मंसूर हादी की तरफ से विद्रोहियों के खिलाफ लड़ रही है. यह लड़ाई मार्च 2015 में शुरू हुई थी. यमन की लड़ाई में सऊदी अरब के शामिल होने के बाद से यहां हजारों लोग मारे गए हैं, जबकि लाखों लोगों को बेघर होना पड़ा है.

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यमन के राष्ट्रपति अबेदरब्बो मंसूर हादी की सरकार को अंतराष्ट्रीय मान्यता है. वहीँ सऊदी अरब का आरोप है कि विद्रोहियों को ईरान का समर्थन प्राप्त है. हालांकि, ईरान इससे इनकार करता रहा है. हूती शिया मुसलमान हैं, जिन्हें ईरान का समर्थन हासिल है.

कौन हैं हूती

शुरुआत में हूती यमन के उत्तरी क्षेत्र में शिया इस्लाम की एक शाखा जायडिज्म के बागियों का एक संगठन था. यह पूरी तरह सलाफी विचारधारा के विस्तार के विरोध में था. उन्होंने देखा कि तत्कालीन राष्ट्रपति अली अब्दुल्ला सालेह की आर्थिक नीतियों की वजह से उत्तरी क्षेत्र में असमानता बढ़ी है. वे इस आर्थिक असमानता से नाराज थे. इसी लिए इन्होंने तत्कालीन सरकार के ख़िलाफ़ विद्रोह कर दिया.

यमन के बाक़ी हिस्सों में बहुतायत सुन्नी मुसलमानों की है. हूती विद्रोही तब चर्चा में आये जब 2004 में इन्होने यमन के पूर्व राष्ट्रपति अली अब्दुल्ला सालेह को चुनौती दी . 2000 के दशक में एक नागरिक सेना बनने के बाद उन्होंने 2004 से 2010 तक सालेह की सेना से छह बार युद्ध किया. वर्ष 2011 में अरब के हस्तक्षेप के बाद यह युद्ध शांत हुआ. दो सालों तक शांति वार्ता चली लेकिन हासिल कुछ भी नहीं हुआ.

इसके बाद हूतीयों ने नए सऊदी समर्थित यमनी नेता अबेद रब्बो मंसूर हादी को सत्ता से बेदखल कर दिया और राजधानी सना को अपने कब्जे में ले लिया. हूतीयों की बढ़ती ताकत से सऊदी अरब और उसके सहयोगी घबरा गए और उन्होंने अमेरिका तथा ब्रिटेन की सहायता से इनके खिलाफ हवाई और जमीनी हमले करने शरू कर दिए.

तब से सऊदी अरब के नेतृत्व वाला गठबंधन जिसमें यूएई भी शामिल है, हूतीयों से लड़ रहा है. हालाँकि देश की राजधानी सना पर अभी भी होती विद्रोहियों का क़ब्ज़ा है.