जो बाइडन बने अमेरिका के 46 वें राष्ट्रपति, डॉनल्ड ट्रम्प पराजित
जो बाइडन अमेरिका के 46 वें राष्ट्रपति चुन लिए गए हैं. इसी के साथ कमला हैरिस भी अमेरिका की पहली महिला उपराष्ट्रपति चुन ली गई हैं.
इस साल हुए अमेरिका के अभूतपूर्व राष्ट्रपति चुनाव में बाइडन ने वर्तमान राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प को पराजित किया है. अमेरिका के सम्विधान के अनुसार बाइडन जनवरी 2021 में पद की शपथ लेंगे. इससे पहले डॉनल्ड ट्रम्प ने चुनावों में धोखाधड़ी का आरोप लगाया था. इस साल कोरोना की वजह से बड़ी संख्या में लोगों ने डाक के ज़रिये मतदान किया था जिसे ट्रम्प ने धोखे की वजह कहा है. ट्रम्प समर्थकों ने कई राज्यों में फिर से मतगणना करने की माँग की है:
उल्लेखनीय है कि जो बाइडन ने कोविड की वजह से अपने समर्थकों से डाक द्वारा मतदान करने की अपील की थी. वहीं ट्रम्प ने कहा था कि उनके समर्थकों को मतदान केंद्रों में मतदान करना चाहिए. चूँकि कई वोट डाक से आए थे इसलिए इस बार मत गिनने में कई दिनों का समय लगा है.

कौन हैं जो बाइडन
जो बाइडन अमेरिका की राजनीति के पुराने खिलाड़ी हैं. वे पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के समय में उपराष्ट्रपति रह चुके हैं. जो बाइडन 1988 में भी राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल हए थे लेकिन बाद में उन्होंने खुद को इस से अलग कर लिया था. 2008 में बाईडन ने एक बार फिर अपनी क़िस्मत आज़मानी चाही लेकिन इस बार उम्मीदवारी बराक ओबामा के हाथ लगी. वे लगभग पच्चीस सालों तक अमेरिका के डलवेर से सांसद रह चुके हैं. बाइडन कई उच्च स्तरीय समितियों के सदस्य भी रह चुके हैं.
बाइडन का प्रतिद्वंदी रिपब्लिकन पार्टी के विरोध बहुत पुराना इतिहास है. उन्होंने 1991 के खाड़ी युद्ध का खुले तौर पर विरोध किया था. यहाँ उल्लेखनीय है कि 1991 का खाड़ी युद्ध जार्ज बुश सीनियर के समय में हुआ था जो कि रिपब्लिकन पार्टी के नेता थे. उन्होंने बोस्निया में नाटो की कार्यवाही का भी खुले तौर पर विरोध किया था.
20 नवम्बर 1942 को पेंसिलवेनिया के एक कैथोलिक परिवार में जन्मे बाइडन ने क़ानून की डिग्री ली हुई है. उन्होंने अपना करियर वकालत से शुरू किया. साल 1972 में वे पहली बार अमेरिकी सीनेट के लिए चुने गए.
कौन हैं कमला हैरिस
कमला हेरिस अमेरिका में रंगभेद और नस्लवाद के विरुद्ध मुखर रही हैं. वे राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप की बड़ी आलोचक हैं. कमला हैरिस दो बार, साल 2004 से 2011 तक सैन फ्रांसिस्को की डिस्ट्रिक्टि अटार्नी रह चुकी हैं. इसके बाद वो साल 2011 से 2017 तक कैलिफोर्निया की अटार्नी जनरल रहीं. वो पहली अश्वेत महिला हैं, जो इन पदों पर इतने साल तक रही हैं.

कमला हेरिस का जन्म साल 1964 में केलिफ़ोर्निया के ओकलेंड में हुआ था. उनकी माता श्यामला गोपालन चेन्नई से थी और एक विख्यात ब्रेस्ट कैंसर वैज्ञानिक थी, जो साल 1960 में चेन्नई से अपनी डाक्टरेट की पढ़ाई के लिए अमेरिका की “यूनिवर्सिटी आफ बार्क्ली” आ गयी थी. इससे पहले श्यामला ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से स्नातक किया था. श्यामला के पिता और कमला के नाना पी वी गोपालन भारतीय स्वाधीनता संग्राम में भाग के चुके थे. बाद में उन्होंने भारत सरकार में संयुक्त सचिव के पद पर भी कार्य किया.
कमला के माता पिता की मुलाक़ात अमेरिका में हुई. कमला के पिता डॉनल्ड हैरिस थे जो स्टैंड्फ़र्ड यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र के प्रोफ़ेसर थे. कमला की एक बहन है जिनका नाम माया हेरिस है. माया भी एक प्रसिद्ध वकील है. कमला की माता ने दोनो बेटियों के नाम भारतीय संस्कृति के अनुसार रखे क्यूँकि वे चाहती थी की बेटियों का संस्कृति से जुड़ाव बना रहे. कमला अक्सर अपनी माँ के साथ चेन्नई अपने रिश्तेदारों से मिलने आती थीं. कमला और उनकी बहन बचपन में हिंदू मंदिरों और बैप्टिस्ट चर्च दोनों में जाया करते थे.
कमला जब सात साल की थी तब उनके माता पिता अलग हो गये और कमला अपनी माँ के साथ रहने लगी. कमला ने हॉर्वर्ड यूनिवर्सिटी और यूनिवर्सिटी आफ केलिफ़ोर्निया से पढ़ाई की है.कमला के पति डग्लस एम्होफ़्फ़ भी एक वकील हैं.