क्या होगा अमेरिका का भविष्य, ट्रम्प हार न मानने पर अड़े
अमेरिका में चुनाव के नतीजे आ गए हैं और जो बाइडन नए राष्ट्रपति चुन लिए गए हैं. हालाँकि राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प ने अभी तक अपनी हार स्वीकार नहीं की है जिससे अमेरिका में असमंजस की स्थिति बनी हुई है. अमेरिकी लोकतंत्र के दो सौ साल के इतिहास में एसा पहली बार हो रहा है जब एक हारा हुआ राष्ट्रपति पद छोड़ने से इंकार कर रहा है.
अमेरिका में हमेशा 20 जनवरी को नया राष्ट्रपति शपथ लेता है. इसके कई दिन पहले ही पिछला राष्ट्रपति व्हाइट हाउस खाली कर देता है और चुने हुए राष्ट्रपति के हिसाब से इसे सजाया-संवारा जाता है. अमेरिका के राजनीतिक इतिहास में कभी ऐसा नहीं हुआ जब किसी हारे हुए राष्ट्रपति ने व्हाइट हाउस छोड़ने से इनकार किया हो.

ट्रम्प ने चुनावों में बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी के आरोप लगाए हैं और कहा है कि जो बाइडन अवैध मतों की गिनती से चुनाव जीते हैं. हालाँकि अब तक ट्रम्प इस संदर्भ में कोई सबूत पेश नहीं कर पाए हैं.
इससे पहले जून में जब जो बाइडन से अमेरिकी मीडिया ने पूछा कि अगर हारने के बाद ट्रम्प ने व्हाइट हाउस नहीं छोड़ा तो क्या होगा, इस पर बाइडन का जवाब था “ये बिल्कुल हो सकता है. लेकिन, अगर ऐसा होता है तो मिलिट्री उन्हें वहां से जबरदस्ती बाहर निकाल देगी.” हालाँकि यह इतना आसान नहीं है. सम्विधान के हिसाब से ट्रम्प अभी भी देश के राष्ट्रपति हैं.
उधर ट्रम्प ने चुनाव के नतीजे आने के कुछ दिन बाद ही अमेरिका के रक्षा केंद्र पेंटागन के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों को नौकरी से निकाल दिया और उनकी जगह अपने विश्वासपात्र लोगों को नियुक्त कर दिया है. हो सकता है ट्रम्प का इरादा अपने ख़िलाफ़ होने वाली किसी भी सैन्य कार्यवाही को पहले से ही रोकने का हो. ट्रम्प विरोधी नियुक्त किए गए नए अधिकारियों को अपने पद के लिए “अनउपयुक्त” बता रहे हैं.
अब आते हैं देश के सुप्रीम कोर्ट पर. यहाँ भी चुनाव से ठीक पहले ट्रम्प ने अपनी पसंद के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति कर दी थी. डेमोक्रेटिक पार्टी ने इसका पुरज़ोर विरोध भी किया था. लेकिन माना जा रहा है कि किसी भी विवादास्पद स्थिति में ट्रम्प समर्थित न्यायाधीश ट्रम्प के पक्ष में जा सकते हैं.
अमेरिका में एक बड़ा वर्ग है जो ट्रम्प के पक्ष का समर्थन कर रहा है इनमें ख़ासतौर पर ट्रम्प की रिपब्लिकन पार्टी के लोग और कुछ वो लोग हैं जिन्हें ट्रम्प ने विशेष पदों पर नियुक्त किया था. बीबीसी की एक खबर के मुताबिक़ डोनाल्ड ट्रंप ‘चोरी रोको’ नाम से देशभर में एक कैंपेन करने की योजना बना रहे हैं. अनाधिकारिक रूप से कई रिपब्लिकन भी यह मानते हैं कि ट्रम्प को हार मान लेनी चाहिए.
फ़िलहाल अमेरिका में स्थिति बेहद गम्भीर है और उनके लोकतंत्र पर सवालिया निशान लग रहा है.