फिर अशांत हुआ इथोपिया , क्या है इथोपिया का टाइग्रे संकट ?
इथोपिया में संकट बढ़ता जा रहा है. यहाँ देश के उत्तरी टिग्रे क्षेत्र में टाइग्रे पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट (TPLF ) के लड़ाकों और इथोपिया के राष्ट्रीय सुरक्षा बलों के बीच संघर्ष जारी है. टाइग्रे, इथोपिया का उत्तर पूर्वी इलाका है जिसकी सीमायें पड़ोसी देशों सूडान और इरीट्रिया से लगती हैं. इस इलाके में हथियारबंद इथियोपियाई राजनैतिक दल TPLF का शासन है. इथियोपिया की संघीय सरकार और टाइग्रे विद्रोहियों के बीच लड़ाई 4 नवंबर को शुरू हुई थी. सरकार ने टाइग्रे पीपुल्स लिब्रेशन फ्रंट (टीपीएलएफ़) पर सेना के एक अड्डे पर हमला करके हथियार लूटने का आरोप लगाया था. टीपीएलएफ़ टिग्रे पर नियंत्रण करता है. सरकार ने उस पर अवैध चुनाव कराने के आरोप भी लगाए हैं.
संघर्ष के पीछे इथोपिया के प्रधानमंत्री अबी अहमद के उस एजेंडे को माना जा रहा है जिसके तहत वे इथोपिया से जातीय संकट को समाप्त करना चाहते हैं. प्रधानमंत्री अबी अहमद ने कहा है कि उनकी सेना हफ्तेभर से टाइग्रे क्षेत्र में चल रही लड़ाई को जल्द ही खत्म कर देगी और यहां के नेतृत्व को हटा देगी. उनकी सरकार टाइग्रे के नेतृत्व को अवैध मानती है. अबी अहमद ने तीन अफ्रीकी संघ के विशेष दूतों के साथ बैठक के दौरान TPLF के नेताओं के साथ बातचीत को खारिज कर दिया है.

इथोपिया के संविधान में संघीय व्यवस्था का प्रावधान है, जिसके तहत स्थानीय समूह अपने क्षेत्र की सरकार चलाते हैं. इसकी जड़ों को समझने के लिए इतिहास में जाना होगा. साल 1974 से पहले इथोपिया में राजा हैले सेलासी का शासन था लेकिन इस साल हुई एक सोवियत समर्थित कम्युनिस्ट क्रांति में राजा को सत्ता से बेदखल कर दिया गया. इसके बाद सेना ने कमान संभाली. क्रांति के बाद सेना का कहर प्रारम्भ हुआ, सेना ने हज़ारों युवाओं की हत्या कर दी और देश में गृह युद्ध प्रारंभ हो गया. वर्ष 1991 में TPLF के नेतृत्व वाले इथोपियन पीपल्स रेवलूशनरी डेमोक्रैटिक फ्रंट (EPRDF) ने सेना की सरकार को हरा दिया. वर्ष 2018 में EPRDF ने सरकार का नेतृत्त्व करने के लिये पूर्व सैन्य खुफिया अधिकारी और ओरोमो समुदाय के अबी अहमद को चुना. अबी ने इथोपिया के चिर शत्रु इरिट्रिया के साथ भी शांति सम्बन्ध स्थापित किये जिसके लिए उन्हें 2019 का “नोबेल शांति पुरस्कार” भी दिया गया.
प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद उन्होंने टाइग्रे पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट (TPLF) के प्रभाव को कम करने के लिये कई बड़े कदम उठाए. उन्होंने न सिर्फ TPLF के सदस्यों को मुख्य सरकारी पदों से हटाया बल्कि उन कैदियों को भी रिहा कर दिया जिन्हें TPLF द्वारा कैद किया गया. उन्होंने EPRDF को खत्म कर नई प्रॉस्पैरिटी पार्टी (Prosperity Party) की स्थापना की. TPLF ने इस विलय को अवैध माना और विलय में भाग नहीं लिया.
जनवरी 2020 की शुरुआत से, TPLF और सरकार के बीच सम्बन्ध और ख़राब हो रहे थे. TPLF ने इस साल कोविड की वजह से चुनाव रद्द कराये जाने के प्रधानमंत्री के फैसले के खिलाफ जाकर चुनाव आयोग से टाइग्रे में क्षेत्रीय चुनाव करवाने के लिए कहा. जिसे चुनाव आयोग ने अस्वीकार कर दिया. इसके बाद TPLF ने अपने क्षेत्रीय चुनावों की देखरेख के लिए अपना चुनाव बोर्ड स्थापित करने के लिए टाइग्रे में विपक्षी दलों के साथ काम करना शुरू कर दिया. टाइग्रे क्षेत्रीय चुनाव 9 सितंबर 2020 को आयोजित किया गया था, प्रधान मंत्री अहमद ने सार्वजनिक रूप से कहा कि संघीय सरकार चुनाव के परिणामों को मान्यता नहीं देगी और चुनावों के दस्तावेज के लिए विदेशी पत्रकारों को टाइग्रे की यात्रा करने पर प्रतिबंध लगा देगी.
इथियोपिया का टाइग्रे क्षेत्र देश के अन्य क्षेत्रों की तुलना में अधिक समृद्ध है, साथ ही यहाँ के सेना भी बहुत प्रशिक्षित हैं. यहाँ TPLF का शासन है जिसके सम्बन्ध अबी अहमद के साथ अच्छे नहीं हैं. खबरों के अनुसार उत्तरी इथियोपिया के टाइग्रे की सेना ने सीमापार इरिट्रिया की ओर इस आधार पर राकेट चलाये की इथियोपिया की सरकार टाइग्रे की सेना के खिलाफ इरिट्रिया के हवाईअड्डों का प्रयोग कर सकती है. टाइग्रेयन नेताओं ने इरिट्रिया की सेनाओं पर भी आरोप लगाया है कि वह टाइग्रे के खिलाफ की इथियोपिया की संघीय सरकार का समर्थन कर रही हैं.