नहीं थम रही पश्चिम बंगाल में हिंसा, गृह मंत्रालय की ममता सरकार को चेतावनी

पश्चिम बंगाल में चुनावी नतीजे आने के बाद हुई राजनीतिक हिंसा पर सरकार रोक नहीं लगा पाई है. सरकारी आंकड़ों में कहा गया है कि रविवार रात से जारी हिंसा में अब तक राज्य के अलग-अलग हिस्सों में 17 लोगों की मौत हो चुकी है. बीजेपी ने इनमें से नौ के अपना कार्यकर्ता होने का दावा किया है और टीएमसी ने सात कार्यकर्ता अपने बताए हैं.

हिंसा को लेकर बीजेपी ने सीएम ममता बनर्जी पर आरोप लगाए हैं. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि ममता जी की चुप्पी इन घटनाओं में उनकी भागीदारी के बारे में बताती है और वह अपने हाथों से रक्त के साथ तीसरा कार्यकाल शुरू कर रही हैं. इस बीच बीजेपी नेता हिमंत बिस्वा सरमा ने दावा किया है कि बंगाल में हिंसा की वजह से सैकड़ों बीजेपी कार्यकर्ता बंगाल से असम की ओर पलायन कर रहे हैं. वहीं, बीजेपी बंगाल के अध्यक्ष दिलीप घोष ने मंगलवार को दावा किया कि पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से टीएमसी के गुंडे बीजेपी कार्यकर्ताओं पर अत्याचार कर रहे हैं.

समाचार एजेंसी एएनआई की एक रिपोर्ट मुताबिक़ भाटापारा के घोषपारा रोड में बीजेपी ऑफिस और कुछ दुकानों पर अज्ञात लोगों ने हमला किया है. इलाके में बम भी फेंके गए हैं. BJP के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् (ABVP) का कहना है कि तृणमूल कांग्रेस के 15-20 गुंडों ने ABVP के कोलकाता ऑफिस पर हमला किया.

दूसरी ओर, ममता बनर्जी का आरोप है कि बीजेपी विधानसभा चुनाव में अपनी शर्मनाक हार पचा नहीं पा रही है. इसलिए वह सांप्रदायिक हिंसा भड़का कर राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कराने का प्रयास कर रही है. ममता के शपथ लेने के दिन ही केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार को हिंसा के बाबत दूसरा पत्र लिखा. गृह मंत्रालय ने पूछा कि पिछले महीने हुए चुनावों के बाद हिंसा रोकने के उपायों के बारे में जवाब क्यों नहीं दिया गया.

केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने अपने दूसरे पत्र में लिखा, ‘मैं आपको याद दिलाता हूं कि मतदान के बाद 3 मई को हुई हिंसा के बारे में जानकारी मांगने के बावजूद कोई रिपोर्ट नहीं दी गई है. इस दूसरे पत्र का गैर-अनुपालन गंभीरता से लिया जाएगा.’ गृह सचिव ने राज्य सरकार को दो दिन पहले अपना पहला पत्र लिखा था.