क्वाड पर चीन का आरोप – कहा चीन और अन्य देशों के बीच कलह के लिए बना

चीन ने क्वाड को लेकर खुले तौर से आपत्ति जताई है. चीन ने कहा है कि यह बीजिंग विरोधी संगठन है. चीन ने इस संगठन को ‘चीन को एक चुनौती के रूप में पेश करने और क्षेत्र के देशों और चीन के बीच कलह पैदा करने के लिए’ बनाया गया संगठन कहा है.

क्वाड को लेकर चीन का विरोध बढ़ता जा रहा है. इससे पूर्व चीन ने बांग्लादेश को चेतावनी देते हुए कहा कि बांग्लादेश के लिए चार देशों के इस छोटे से क्लब (क्वाड) में शामिल होना निश्चित रूप से सही विचार नहीं होगा, क्योंकि इससे द्विपक्षीय संबंधों को भारी नुकसान पहुंचेगा. यह बयान बांग्लादेश में चीन के राजदूत ने दिया था.

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चीन के राजदूत के इस विवादित बयान पर बांग्लादेश के विदेश मंत्री डाक्टर एके अब्दुल मोमिन ने कहा कि बांग्लादेश गुट-निरपेक्ष तथा संतुलित विदेश नीति का अनुसरण करता है और वह खुद तय करेगा कि इन सिद्धांतों के अनुरूप क्या किया जाना चाहिए.

क्या है क्वाड

क्वाड चार देशों अमेरिका, जापान, आस्ट्रेलिया और भारत का एक समूह है. ये चार देश दुनिया की प्रमुख आर्थिक शक्तियां हैं. इन देशों के समूह का एक उद्देश्य है चीन के बढ़ते प्रभाव को रोकना, खासकर हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभुत्‍व ने कई देशों के लिए चिंताएं पैदा की हैं. ऐसे में क्‍वाड देशों के बीच आपसी सहयोग को खासा अहम माना जाता है.

क्वाड शब्द “क्वाड्रीलेटरल सुरक्षा वार्ता” के क्वाड्रीलेटरल (चतुर्भुज) से लिया गया है. इसकी स्थापना का श्रेय जापान के पूर्व प्रधान मंत्री शिंज़ो आबे को दिया जाता है. 2006 और 2007 के बीच आबे क्वाड की नींव रखने में कामयाब हुए और चतुर्भुज सुरक्षा वार्ता की पहली अनौपचारिक बैठक वरिष्ठ अधिकारीयों के स्तर पर अगस्त 2007 में मनीला में आयोजित की गई.

इस समूह का पहला श‍िखर सम्‍मेलन 12 मार्च 2021 को हुआ था. कोरोना वायरस संक्रमण के बीच वर्चुअल तरीके से आयोजित क्वाड की इस बैठक में भारत की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन, ऑस्‍ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन और जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा शामिल हुए. इसमें चीन के लिए स्‍पष्‍ट संदेश था. इस सम्मेलन से पहले एक बयान में चीनी विदेश मंत्रालय ने उम्मीद जताई थी कि चारों देश कुछ ऐसा नहीं करेंगे, जो क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए ‘प्रतिकूल’ हों. हालाँकि सम्मेलन में क्वाड के नेताओं ने इसे को ‘समान विचारधारा वाले साझेदारों का नरमपंथी’ समूह बताया है. चारों नेताओं ने बाकी दुनिया को आश्वस्त किया है कि क्वाड कोई दुनिया से अलग समूह नहीं है और वे उन सभी पक्षों का स्वागत करते हैं जो एक मुक्त हिन्द-प्रशांत क्षेत्र के समर्थन में हैं.

नवंबर 2020 में भारतीय नौसेना ने बहुपक्षीय युद्धाभ्यास ‘मालाबार’ का आयोजन हिंद महासागर में किया. इस अभ्यास में अमेरिकी नौसेना, जापानी मैरीटाइम सेल्फ़ डिफेंस फ़ोर्स और रॉयल ऑस्ट्रेलियन नेवी ने हिस्सा लिया. क्वाड देशों के इस युद्धाभ्यास को चीन के लिए एक संदेश की तरह देखा गया.