मिलिए दुनिया के सबसे गरीब राष्ट्रपति से जिसने अपने देश की तकदीर बदल दी

पेपे मुजिका दक्षिण अमेरिका के देश उरुग्वे के पूर्व राष्ट्रपति और एक राजनेता हैं. मुजिका को एक महान राजनेता के रूप में जाना जाता है. जब वे राष्ट्रपति थे, तो अपने साधारण घर में रहते थे और वेतन व अन्य सुविधाएँ नहीं लेते थे. इस कारण उन्हें ‘दुनिया का सबसे ग़रीब राष्ट्रपति’ भी कहा गया. हालांकि वे कहते थे कि उनके पास उनकी ज़रूरत से अधिक है, सो वे ग़रीब नहीं हैं. अपने $12,000 मासिक वेतन का लगभग 90 प्रतिशत दान करने के लिए उन्हें “दुनिया का सबसे विनम्र राज्य प्रमुख” भी कहा जाता है.

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मुजिका की कहानी किसी आश्चर्य से कम नहीं हैं. वे एक क्रांतिकारी थे जो 12 साल तक क़ैद में रहे. मुजिका को कैद के दौरान बहुत यातनाएं दी गयीं और उन्हें पागल करने के कई प्रयास किये गए. कैद से छूटने के बाद मुजिका ने फिर से राजनैतिक जीवन में प्रवेश किया. मुजिका ने 2005 से 2008 तक पशुधन, कृषि और मत्स्य पालन मंत्री के रूप में कार्य किया. बाद में ब्रॉड फ्रंट के उम्मीदवार के रूप में, उन्होंने 2009 का राष्ट्रपति चुनाव जीता और 1 मार्च 2010 को राष्ट्रपति के रूप में पदभार ग्रहण किया.

मुजिका का जन्म 20 मई 1935 को हुआ था. उनका नाम जोस अल्बर्टो “पेपे” मुजिका कोर्डानो है. उनके पिता डेमेट्रियो मुजिका स्पेनिश बास्क मूल के और माँ लुसी कॉर्डानो इटेलियन मूल की थी. मुजिका के पिता एक छोटे किसान थे जो 1940 में अपनी मृत्यु से कुछ समय पहले दिवालिया हो गए थे. तब मुजिका पांच साल के थे. 13 से 17 साल की उम्र के बीच, मुजिका ने कई क्लबों के लिए काम किया बाद में वे वह नेशनल पार्टी में सक्रिय हो गए, जहां वे उरुग्वे के प्रसिद्घ राजनेता एनरिक एरो के करीबी बन गए. 1960 के दशक के मध्य में, वह क्यूबा की क्रांति से प्रेरित एक सशस्त्र राजनीतिक समूह, एमएलएन-टुपमारोस आंदोलन में शामिल हो गए. अपने क्रन्तिकारी जीवन में उन्हें कई बार गिरफ्तार किया गया. वे उरुग्वे की तत्कालीन सरकार के खिलाफ छापामार कार्यवाही करने के चलते चार बार गिरफ्तार किया गया. वे कई बार जेल से फरार भी हुए. 1973 में उरुग्वे में सैन्य तख्तापलट हुआ तब मुजिका जेल में थे. लेकिन तख्तापलट के बाद भी उन्हें और आठ अन्य क्रांतिकारियों को जेल में ही रखा गया. 1985 में उन्हें रिहा किया गया.

मुजिका को कैद के दौरान बहुत यातनाएं दी गयीं और उन्हें पागल करने के कई प्रयास किये गए. कैद से छूटने के बाद मुजिका ने फिर से राजनैतिक जीवन में प्रवेश किया. मुजिका ने 2005 से 2008 तक पशुधन, कृषि और मत्स्य पालन मंत्री के रूप में कार्य किया. बाद में ब्रॉड फ्रंट के उम्मीदवार के रूप में, उन्होंने 2009 का राष्ट्रपति चुनाव जीता और 1 मार्च 2010 को राष्ट्रपति के रूप में पदभार ग्रहण किया. राष्ट्रपति बनने के बाद उन्होंने अपने देश और लोगों के लिए बहुत काम किया है. उनके शासन के दौरान, बेरोजगारी दर 13 % से गिरकर 7 % हो गई, राष्ट्रीय गरीबी दर 40 % से 11 % हो गई और न्यूनतम मजदूरी 250 % बढ़ गई. उन्होंने ट्रेड यूनियनों को मजबूत करने का भी समर्थनकिया. अंतर्राष्ट्रीय व्यापार संघ परिसंघ के अनुसार, “मौलिक श्रम अधिकारों, विशेष रूप से संघ की स्वतंत्रता, सामूहिक सौदेबाजी के अधिकार और हड़ताल के अधिकार के संबंध में उरुग्वे अमेरिकी महाद्वीप में सबसे उन्नत देश बन गया है.

मुजिका को अपने सादे जीवन के लिए जाना जाता है. उन्होंने राष्ट्रपति बनने के बाद भी अपनी 1987 मॉडल की वोक्सवैगन बीटल कार को परिवहन के साधन के रूप में इस्तेमाल किया. जब 2010 में वे राष्ट्रतपति बने तब उस कार की कीमत सिर्फ अट्ठारह सौ डालर थी. नवंबर 2014 में, उरुग्वे के समाचार पत्र बास्केडा ने बताया कि उन्हें कार के लिए 1 मिलियन डॉलर की पेशकश की गई थी, उन्होंने कहा कि अगर उन्हें कार के लिए 1 मिलियन डॉलर मिलते हैं तो वह उस पैसे को बेघरों को घर देने के लिए दान कर देंगे.