तालिबान की प्रेस कॉन्फ्रेंस – कहा सबको माफ़ किया, महिलाओं को अधिकार देंगे

तालिबान ने कहा है कि उन्होंने सभी सरकारी कर्मचारियों, दुभाषियों और पूर्ववर्ती सरकार के लिए काम करने वाले लोगों को माफ़ कर दिया है. तालिबान ने कहा है कि वे किसी से भी ‘बदला’ नहीं लेंगे. तालिबान ने ये भी दावा किया कि उनके शासन में महिलाओं को काम करने और यहाँ तक कि सरकार में शामिल होने का अवसर दिया जायेगा. ये बातें तालिबान ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में की हैं. अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद तालिबान प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने मंगलवार को पहली बार दुनिया के सामने आकर पत्रकारों को सम्बोधित किया.

प्रेस कॉन्फ्रेंस में जबीउल्लाह ने कहा- हम किसी के प्रति नफरत की भावना नहीं रखेंगे. हमें बाहरी या अंदरूनी दुश्मन नहीं चाहिए. उन्होंने कहा कि अपने नेता के आदेश पर हमने सभी को माफ कर दिया है और मैं अंतरराष्ट्रीय समुदाय और संयुक्त राष्ट्र को ये भरोसा देना चाहता हूं कि अफगानिस्तान में सब सुरक्षित हैं. हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय को परेशान नहीं करना चाहते हैं. हमें अपने धर्म के हिसाब से चलने का अधिकार है. दूसरे देशों में अलग नीतियां हैं, अलग धर्म हैं, अलग विदेशी नियम हैं. हम सभी के नियमों का सम्मान करते हैं. हम भी उसी तरह अपने मूल्यों के हिसाब से अपनी नीतियां बनाना चाहते हैं. किसी को हमारे नियमों और सिद्धांतों से चिंता नहीं होनी चाहिए.

Photo by Suliman Sallehi on Pexels.com

महिलाओं के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि इस्लामी कानून के मार्गदर्शन में महिलाओं के अधिकारों की रक्षा की जाएगी, तालिबान के प्रवक्ता ने कहा कि वे शरिया कानून के तहत महिलाओं के अधिकारों के लिए प्रतिबद्ध हैं. उन्होंने बार-बार कहा कि महिलाओं को “हमारे इस्लामी कानूनों के ढांचे के भीतर” काम करने के हकदार होंगे, हालांकि व्यवहार में इसका क्या अर्थ होगा, इस पर विस्तार करने में विफल रहे

प्रेस कॉन्फ्रेंस में तालिबान ने प्रेस की भूमिका का सम्मान करने का वादा किया और वादा किया कि “निजी मीडिया स्वतंत्र और स्वतंत्र रहना जारी रख सकता है बशर्ते वो तालिबान के खिलाफ काम न करे”. देश में अल-कायदा लड़ाकों या अन्य चरमपंथियों के पनपने के जोखिम के बारे में पूछे जाने पर, मुजाहिद ने कहा कि “अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल किसी के खिलाफ नहीं किया जाएगा”.