अफ़ग़ानिस्तान से भागे पूर्व राष्ट्रपति अशरफ़ ग़नी पहली बार सामने आए

अफ़ग़ानिस्तान से भाग गए पूर्व राष्ट्रपति अशरफ़ ग़नी पहली बार सामने आए हैं. अपने आधिकारिक फेसबुक पेज पर दुनिया को संबोधित संबोधित करते हुए अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि अगर वो काबुल में रहते तो खून खराबा हो जाता. ग़नी इस समय संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में हैं. यूएई ने उन्हें मानवीय आधार पर शरण दी है. हालाँकि यूएई ने यह नहीं बताया कि गनी देश में कहां हैं. ग़नी ने कहा कि उन्हें अपनी संपत्ति और “गोपनीय दस्तावेजों” को छोड़कर देश से निकलना पड़ा.

अशरफ़ ग़नी बीते रविवार को काबुल पर तालिबान लड़ाकों के नियंत्रण के दौरान अफ़ग़ानिस्तान से चले गए थे. उनके इस कदम की अमेरिका ने खुलकर आलोचना की थी. अमेरिका ने कहा था कि अगर अफ़ग़ानिस्तान के नेता तालिबान के सामने घुटने नहीं टेकते तो क़ाबुल पर क़ब्ज़ा टाला जा सकता था.

उधर ताजिकिस्तान में अफगानिस्तान के राजदूत मोहम्मद जहीर अगबर ने दावा किया है कि राष्ट्रपति अशरफ गनी जब अफगानिस्तान से भागे थे, तो वह अपने साथ 16.9 करोड़ डॉलर ले गए थे. इससे पहले रूसी अधिकारियों ने भी ग़नी पर इस तरह के आरोप लगाए थे. इन आरोपों के उत्तर में ग़नी ने कहा है कि उनके द्वारा नकदी के सूटकेस लेकर भागने के आरोप “पूरी तरह से निराधार” थे, और यह सब उनकी “राजनीतिक और व्यक्तित्व की हत्या” करने जैसा था.

अशरफ़ ग़नी के तालिबान के साथ सम्बन्ध कभी भी अच्छे नहीं रहे हैं. तालिबान ग़नी को शांति वार्ता में एक बड़ा अवरोध मानता रहा है.