इंडसइंड बैंक ने कहा सब ठीक, एवरग्रीन लोन के आरोपों को ख़ारिज किया
इंडसइंड बैंक ने उन आरोपों को ख़ारिज किया है जिसमें कहा गया है कि अपने एनपीए को बचाने के लिए उन्होंने एवरग्रीन लोन का सहारा लिया है. वहीँ बैंक ने कहा है कि तकनीकी गड़बड़ी के कारण ग्राहकों की सहमति के बिना उनके खातों में लोन वितरित किया गया. बैंक पर ये आरोप एक व्हिसलब्लोअर ने लगाए हैं. व्हिसलब्लोअर ने कहा है कि बैंक ने 84000 एवरग्रीन लोन वितरित किये हैं. इस खबर के बाद बैंक के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई है.

हालाँकि बैंक ने इन खंडन किया है, बैंक ने कहा है कि तकनीकी गड़बड़ी के चलते ऐसा हुआ है.
एवरग्रीन लोन
मान लीजिये आपने बैंक से 1 करोड़ रूपये का लोन लिया और किसी वजह से आप उस लोन को या उसके ब्याज को चुकाने में असमर्थ हैं. अगर आप बैंक से जाकर ये कहते हैं कि आप लोन नहीं चुका सकते हैं तो हो सकता है कि बैंक आपके इस लोन को एनपीए सूची में डाल दे. एनपीए सूची में डाले गए लोन वे लोन होते हैं जिनकी वापसी संभव नहीं है. वहीँ जितने अधिक एनपीए लोन होते हैं बैंक की परफॉर्मन्स उतनी बुरी मानी जाती है. अधिक एनपीए वाले बैंको पर सरकार की कड़ी नज़र रहती है.
ऐसे में बैंक अगर लोन न चुकाने वाले लोगों को और लोन दे देते हैं और उनसे कहते हैं कि नए लोन के पैसे से वे लोन चुकाते रहें. ऐसे में लोन हमेशा एक्टिव रहता है और लोन एनपीए सूची में नहीं आता. इस तरीके को एवरग्रीन लोन कहा जाता है. ज़ाहिर सी बात है कि यह तरीका एक गंभीर बैंकिंग संकट पैदा कर सकता है. कुछ एक लोन में ये तरीका काम कर सकता है लेकिन अधिक एवरग्रीन लोन बैंको के लिए घातक हो सकते हैं.