क़ुरान जलाने के बाद हिंसा में झुलसा स्वीडन
स्वीडन में एक धुर दक्षिणपंथी नेता और उनके समर्थकों द्वारा क़ुरान जलाए जाने के बाद हुए दंगे और हिंसा थमने का नाम नहीं के रही है. समचार एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, स्वीडन में धुर दक्षिणपंथी समूहों ने कुरान जलाई जिसके बाद दंगे भड़क उठे. धुर दक्षिणपंथी राजनीतिक पार्टी हार्ड लाइन के नेता रासमस पलुदान ने गुरुवार को स्वीडन के कई शहरों में कुरान जलाने वाले कार्यक्रमों का आयोजन किया था. कुरान जलाने की घटना के बाद गुरुवार से लेकर रविवार तक हिंसा हुई जिसमें करीब 16 पुलिसकर्मी घायल हुए. कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया. रविवार को नोरशोपिंग शहर में हिंसा भड़की, जिसमें तीन लोग पुलिस की गोली की चपेट में आ गए.

पुलिस ने कहा कि चार पुलिस कारों में आग लगा दी गई और कम से कम चार अधिकारी और एक नागरिक घायल हो गए. प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया और समूहों ने पुलिस चौकियों पर धावा बोल दिया और बैरियर तोड़ दिए.
कौन हैं रासमस पलुदान ?
पलुदान एक डेनिश-स्वीडिश नागरिक हैं. वे पहली बार 2017 में लोगों के ध्यान में आए जब उन्होंने मुस्लिम विरोधी YouTube वीडियो बनाना शुरू किया. उन्होंने डेनमार्क में अपने स्टंट को सही ठहराया – जैसे मुस्लिम पवित्र पुस्तक को जलाना, कभी-कभी सुअर के मांस में लपेटा जाना इत्यादि.
2019 में डेनमार्क में नस्लवादी भाषण के लिए पलुदान को 14 दिनों की जेल की सजा सुनाई गई थी. एक साल बाद, उन्हें नस्लवाद, मानहानि और खतरनाक ड्राइविंग के 14 अलग-अलग आरोपों का दोषी पाए जाने के बाद दो महीने की अतिरिक्त सजा के साथ एक महीने के कारावास का सामना करना पड़ा था.
उनकी पार्टी हार्ड लाइन, (स्वीडिश भाषा में स्ट्रैम कुर्स ) 2019 में पिछले डेनिश राष्ट्रीय चुनावों में एक भी सीट जीतने में विफल रही थी. अब पलुदान की योजना जून 2023 के चुनावों में फिर से भाग लेने की है. हालाँकि विश्लेषक मानते हैं कि उनके जीत के आसार अभी भी कम ही हैं.