Category Archives: साहित्य

चारों तरफ़ ख़राब यहाँ और भी ख़राब

आज के हालात पर दुष्यंत कुमार की एक कविता हालात-ए-जिस्म सूरत-ए-जाँ और भी ख़राबचारों तरफ़ ख़राब यहाँ और भी ख़राब नज़रों में आ रहे हैं नज़ारे बहुत बुरेहोंटों में आ रही है ज़बाँ और भी ख़राब पाबंद हो रही है रिवायत से रौशनीचिम्नी में घुट रहा है धुआँ और भी ख़राब मूरत सँवारने में बिगड़ती चली गईपहले से हो गया

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जानिए किन लोगों को मिले हैं साल 2020 के नोबेल पुरस्कार

साल 2020 के लिए नोबेल पुरस्कारों के लिए घोषणा कर दी गई है. जानिए किन लोगों को इस वर्ष नोबेल पुरस्कार मिला है नोबेल शांति पुरस्कार 2020 नोबेल समिति ने 2020 के लिए वर्ल्ड फूड प्रोग्राम’ (World Food Programme) को शांति पुरस्कार दिया गया है. ‘वर्ल्ड फूड प्रोग्राम’ को प्रभावित क्षेत्रों में भुखमरी से लड़ने व शांति कायम करने से

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यदि बहरों को सुनना है तो आवाज़ को बहुत जोरदार होना होगा – हैप्पी बड्डे भगत सिंह

आज भगत सिंह का जन्मदिन है. भगत सिंह, जिनका नाम भारत में कौन नहीं जानता. भगत सिंह ने सिर्फ 23 साल की उम्र में देश के लिए अपनी जान दे दी. भगत सिंह का जन्म 27 सितंबर, 1907 को लायलपुर ज़िले के बंगा में हुआ था, जो अब पाकिस्तान में है. ब्रिटिश सरकार द्वारा लाहौर षड़यंत्र केस में भगत सिंह, सुखदेव

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ये भी तुम्हें धोका है कि मैं कुछ नहीं कहता – मेला राम वफ़ा ( पुण्यतिथि पर विशेष )

आज मेला राम वफ़ा की पुण्यतिथि है. शायर, समाजसेवी और क्रांतिकारी, वफ़ा क्या कुछ नहीं थे. उनकी शायरी का आलम यह था कि उन्हें एक बाग़ी नज़्म ‘ऐ फिरंगी’ लिखने के लिए अंग्रेजी सरकार ने 2 साल क़ैद-ए-सख़्त की सज़ा सुनाई. मेला राम वफ़ा का जन्म सयुंक्त पंजाब के जिले सियालकोट से 22 किलोमीटर दूर गाँव दीपोके में 26 जनवरी

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सबसे ख़तरनाक होता है मुर्दा शांति से भर जाना – पाश

अवतार सिंह संधू “पाश” की ये कविता हर युग में हर देश में और हर समाज में उतनी ही प्रासंगिक है जितनी अस्सी के दशक में थी. 23 मार्च 1988 को जलंधर में खलिस्तानी आतंकवादियों की गोली ने पाश की जान ले ली. लेकिन पाश मारा नहीं करते. प्रस्तुत है पाश कि कालजयी कविता. मेहनत की लूट सबसे ख़तरनाक नहीं

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