साल 1915 के आर्मीनियाई नरसंहार को लेकर तुर्की और अमेरिका आमने सामने, क्या है इतिहास ?

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने साल 1915 में तुर्की के आर्मेनियाई लोगों की हत्याओं को जनसंहार कहा है. इस जनसंहार में तुर्की के कई आर्मीनियाई लोगों का सफ़ाया हो गया था. कई इतिहासकार मारे गए लोगों की संख्या पंद्रह लाख तक मानते हैं. माना जा रहा है कि अमेरिका आधिकारिक रूप से आर्मीनियाई नरसंहार को मान्यता दे सकता है. आज
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