Tag Archives: कोरोना

राजस्थान सरकार ने ब्लैक फ़ंगस को महामारी घोषित किया, क्या है ब्लैक फ़ंगस

भारत में राजस्थान सरकार ने ब्लैक फ़ंगस को एक महामारी घोषित कर दिया है. सरकार ने कहा है कि ब्लैक फंगस खतरनाक रूप लेते जा रहा है और यह कई राज्यों में तेजी से फैल रहा है, इसलिए इसपर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है. कोरोना से ठीक हुए मरीज़ों में इस बीमारी के लक्षण देखे जा रहे हैं. हालाँकि

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विचार : क्या आक्सीजन की कमी से हुई मौतों की ज़िम्मेदारी तय की जाएगी

भारत में कोरोना की दूसरी लहर का क़हर जारी है. सरकारी आँकड़ों में रोज़ाना साढ़े तीन से चार हज़ार लोगों की मौत बतायी जाती है लेकिन हम सभी जानते हैं कि वास्तविक आँकड़े इससे कहीं अधिक हो सकते हैं. कई पत्रकारों, संस्थाओं और एजेंसियों ने इस बात की तस्दीक़ की है कि अमुक शहर में कोविड से मरने वाले लोगों

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WHO ने भारत के कोविड वैरिएंट को लेकर दुनिया भर को चेताया

सोमवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भारत में फैलने वाले कोविड-19 वैरिएंट को लेकर दुनिया भर को आगाह कर दिया है. WHO ने कहा कि भारत में फैल रहा कोरोना वैरिएंट संक्रामक प्रतीत हो रहा है. इतना ही नहीं इसे “चिंता का विषय” श्रेणी में वर्गीकृत किया गया है. WHO ने कहा कि कोविड-19 का B.1.617 वैरिएंट पहली बार

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भारत की हालत के लिए कौन ज़िम्मेदार – सरकार या लोग ?

भारत में कोरोना की भयावह स्थिति ने स्वास्थ्य व्यवस्था, प्रशासन और सरकार की नाकामी को दुनिया भर के सामने ला दिया है. लगातार बढ़ते मौतों के आँकड़े और बेक़ाबू होती संक्रमण दर के आगे सरकार और डॉक्टर दोनों ही बेबस नज़र आ रहे हैं. ऐसे में एक गहन सवाल उठता है कि आख़िर ये स्थिति आयी कैसे. एक साल पहले

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रूस की कोरोना वैक्सीन के शुरूआती परिणाम अच्छे, मेडिकल स्टडी का दावा

रूस द्वारा तैयार की गई कोविड 19 की वैक्सीन के शुरूआती परिणाम अच्छे आये हैं और शुरुआती परीक्षणों में सभी प्रतिभागियों पर “एन्टीबॉडी रिस्पॉन्स” विकसित हुए हैं. CNN और ब्लूमबर्ग की एक खबर के मुताबिक रूस की इस वैक्सीन ने टी कोशिकाओं में भी एक प्रतिक्रिया उत्पन्न की है. टी कोशिका एक प्रकार की श्वेत रक्त कोशिका है जो शरीर

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कोरोना संकट : न्यूज़ीलैंड ने आगे बढ़ाई चुनाव की तिथि

न्यूज़ीलैंड की प्रधानमंत्री जैकिंडा अर्डर्न ने घोषणा की है कि कोरोना वायरस के चलते आने वाले चुनावों को चार सप्ताह के लिए टाल दिया गया है. अर्डर्न ने फेसबुक लाइव पोस्ट में बोलते हुए कहा “स्पष्ट रूप से एक सरकार के रूप में हमारी वर्तमान प्राथमिकता कोविड का प्रकोप नियंत्रण करने की है और न्यूज़ीलैंडर्स पर से प्रतिबंधों को जल्द

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आलोचना के बीच रूस ने दिया दुनिया को वैक्सीन पर जवाब, क्यों है दुनिया को संदेह?

दुनिया भर के वैज्ञानिकों ने इस वैक्सीन पर सवाल उठाये हैं. कुछ वैज्ञानिकों का कहना है कि रूस द्वारा टीके में की जा रही जल्दबाज़ी के गंभीर दुष्परिणाम हो सकते हैं. विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि यदि इस वैक्सीन से साइड इफ्फेक्ट हुए तो लोगों का वैक्सीन से विश्वास उठ सकता है. दुनिया भर में किसी भी वैक्सीन को लोगों को उपलब्ध करने की एक प्रक्रिया है. जिसके कई चरण हैं. यदि किसी भी चरण में जल्दबाज़ी या आंकड़ों की कमी हो तो वैक्सीन के सही परिणाम सामने नहीं आ सकते. वहीँ दूसरी तरफ स्वस्थ व्यक्ति पर वैक्सीन का क्या असर होता है, इससे जानने में समय लगता है और इस प्रक्रिया में जल्दबाज़ी घातक हो सकती है.

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रूस का ने किया कोरोना की वैक्सीन बनाने का दावा, पुतिन की बेटी को लगाया टीका, पश्चिमी देशों ने किया ख़ारिज

रूस ने दावा किया है कि उसने कोरोना की वैक्‍सीन बना ली है. राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin)  ने इसका ऐलान किया. उन्होंने यह भी बताया कि उनकी बेटी को भी यह टीका लगाया गया है और वह अच्छा महसूस कर रही है. पुतिन ने कहा कि उनकी बेटी ने इसका टीका लिया है, पहले उसका बुखार 38 डिग्री था, टीके के बाद ये बढ़ा लेकिन बाद में काबू में आने लगा. इसके अलावा उन्होंने दावा किया कि कुछ लोगों को टीका लगने के बाद कोरोना का कोई लक्षण नहीं है.

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ट्रम्प ने तोड़े WHO से सभी सम्बन्ध, चीन का समर्थक होने का आरोप लगाया

अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से सभी सम्बन्ध तोड़ने की घोषणा कर दी है. ट्रम्प का कहना है कि WHO कोरोना संकट को सम्भालने में नाकाम रहा है और यह संगठन चीन की कठपुतली बन गया है. इससे पहले ट्रम्प ने WHO को दिए जाने वाले फंड को भी रोक दिया था. अमेरिका डब्ल्यूएचओ को

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अमेरिका में एक लाख से अधिक मौतें, लोग बेपरवाह और ट्रम्प की बयानबाज़ी जारी

कोरोना अमेरिका में भारी तबाही मचा रहा है. दो माह के कठोर लॉकडाउन के बावजूद अमेरिका में मौतें एक लाख तक पहुंच गई है. सबसे ज्यादा तबाही न्यूयॉर्क में देखने को मिली है, जहां देश के कुल 22 फीसदी मामले हैं, लेकिन करीब 30 हजार मौतें हुई हैं. अमेरिकी विशेषज्ञों का कहना है कि संक्रमण ऐसे ही बढ़ता रहा तो

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